नई दिल्ली। झारखंड में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की कैबिनेट का विस्तार हुआ(Jharkhand Politics) है। लेकिन इसमें खास बात जो है वो ये कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ने भी मंत्री पद की शपथ ली। उनके अलावा जेएमएम से मिथिलेश कुमार ठाकुर, हफीजुल हसन, […]
नई दिल्ली। झारखंड में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की कैबिनेट का विस्तार हुआ(Jharkhand Politics) है। लेकिन इसमें खास बात जो है वो ये कि इसमें पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन ने भी मंत्री पद की शपथ ली। उनके अलावा जेएमएम से मिथिलेश कुमार ठाकुर, हफीजुल हसन, बेबी देवी, दीपक बिरुआ और कांग्रेस से रामेश्वर ओरांव, बन्ना गुप्ता और बादल पत्रलेख ने मंत्री पद की शपथ ली है।
बता दें कि इससे पहले 2 फरवरी 2024 को चंपई सोरेन ने आधिकारिक तौर पर राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। साथ ही दो मंत्रियों आलमगीर आलम (कांग्रेस) और सत्यानंद भोक्ता (राष्ट्रीय जनता दल) ने भी शपथ ली थी। वहीं संवैधानिक प्रावधानों के तहत, झारखंड में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 12 मंत्री हो सकते हैं। जिसमें पिछली हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में एक सीट खाली थी।
गुरुवार को झारखंड(Jharkhand Politics) के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में भेजा गया। दरअसल, विशेष पीएमएलए कोर्ट ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में यह फैसला सुनाया था। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष ईडी की हिरासत में थे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से पेश हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने बताया था कि हेमंत सोरेन को आज विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया और उन्हें 22 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि हम उनके लिए जमानत याचिका दायर करेंगे।
जानकारी दे दें कि हेमंत सोरेन को अदालत से रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार ले जाया गया। इससे पहले उन्हें 31 जनवरी को ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद 2 फरवरी को कोर्ट ने सोरेन को पांच दिनों के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया था। बाद से हिरासत की समयावधि को कुल मिलाकर सात दिनों के लिए दो बार बढ़ाया गया था।
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