नई दिल्लीः झारखंड जब बिहार से अलग हुआ था तो अमीर राज्यों मे गिना जाता था लेकिन अब यहां पैदा होने वाला हर बच्चा लगभग 26 हजार रुपये से ज्यादा का कर्जदार है। बता दें कि राज्य पर अभी 25 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। यहां के लगभग 46 प्रतीशत लोग गरीबी रेखा […]
नई दिल्लीः झारखंड जब बिहार से अलग हुआ था तो अमीर राज्यों मे गिना जाता था लेकिन अब यहां पैदा होने वाला हर बच्चा लगभग 26 हजार रुपये से ज्यादा का कर्जदार है। बता दें कि राज्य पर अभी 25 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। यहां के लगभग 46 प्रतीशत लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। ये आंकड़े बता रहे हैं कि देश के 40 फिसदी खनिज अपने कोख में रखने वाले प्रदेश की गोद में कितनी गरीबी है।
हालांकि इन्ही गरीबों की नुमाइंदगी विधानसभा में करने वाले सीएम, नेता प्रतिपक्ष, मुख्य सचेतक, सचेतक, उपसचेतक, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मंत्री सबके पास मोटे पैसे है। इस राज्य की गठन होने के बाद अब 8वीं बार इनके वेतन, भत्ता और सुविधाओं में इजाफे को लेकर प्रस्ताव सदन में पेश हो चुका है। विधायकों के वेतन बढ़ोतरी का प्रस्ताव पहले ही पेश कर दिया गया है।
समिति के संयोजक रामचंद्र चंद्रवंशी ने बताया की विधायकों और मंत्री समेत सीएम, नेता प्रतिपक्ष, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सबका नोटिस एक साथ निकाला जाएगा अक्सर सदन में तमाम मुद्दों को लेकर टकराने वाले पक्ष-विपक्ष इस मुद्दे पर बिल्कुल एकमत थे। बता दें कि इस पांच सदस्यीय कमिटी के संयोजक बीजेपी विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी हैं, जबकि कांग्रेस के प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय सिंह, जेएमएम के समीर मोहंती है बीजेपी के भानु प्रताप शाही सदस्य हैं।
इस प्रस्ताव से सीएम की बेसिक सैलरी में 25 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। उन्हें पहले 80000 रुपये वेतन मिलता था। वहीं बढ़ोतरी के बाद 1 लाख रुपये हो जाएगा। कुल मिलाकर उन्हें भत्तों के साथ 2 लाख 65 हजार रुपये मिलने का प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा अलग-अलग दलों के जो सचेतक हैं, उन्हें मंत्री की सुख-सुविधा और सैलरी देने की तैयारी है। मंत्री को भी लगभग तमाम भत्तों को जोड़कर 2.35 हजार रुपये दिए जाएंगे। विपक्षी दल को भी कुल मिलाकर यही मिलेगा