झारखंड: हेमंत सोरेन का बीजेपी पर तंज, कहा- संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?

झारखंड:

रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता को लेकर आज राज्यपाल रमेश बैस फैसला लेने वाले है। इसे लेकर राज्य का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। विपक्षी पार्टी बीजेपी सोरेन पर अपने पद का गलत प्रयोग करने आरोप लगा रही है। इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है।

जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? सीएम सोरेन आगे लिखते हैं कि हम पूरी तरह तैयार है। जय झारखण्ड।

संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे?

झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है।

हैं तैयार हम!
जय झारखण्ड! pic.twitter.com/0hSrmhLAsI

— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 25, 2022

चली जाएगी सोरेन की कुर्सी?

जानकारी के मुताबिक अभी चुनाव आयोग का क्या फैसला है इसकी सूचना मुख्यमंत्री आवास तक नहीं पहुंची है। खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग कि सिफारिश को लेकर आज राज्यपाल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। आयोग ने सीएम सोरेन को जनप्रतिधि कानून 1951 की धारा 9ए के उल्लंघन का दोषी पाया है, इसीलिए उनकी सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है।

जानिए, क्या है पूरा मामला?

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के एक डेलिगेशन ने फरवरी 2022 में सीएम सोरेन पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रांची के अनगड़ा में अपने नाम पर खनन पट्टा लिया है। इसीलिए उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द की जाए। ये पूरा मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लीज और शेल कंपनियों में उनकी और उनके करीबियों की हिस्सेदारी से जुड़ा है।

सोरेन परिवार पर ये है आरोप

झारखंड के मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरूपयोग कर स्टोन क्यूएरी माइंस अपने नाम करवा ली थी। इसके साथ ही सोरेन परिवार पर शेल कंपनी में निवेश कर अकूत संपत्ति अर्जित करने का भी आरोप है। फिलहाल ये मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग से होते हुए अब झारखंड राजभवन तक पहुंच गया है।

झारखंड सरकार को खतरा नहीं

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी जाने के बाद भी झारखंड की जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी की सरकार को कोई खतरा नहीं है। फिलहाल सरकार स्थिर है। राज्य की 81 सदस्यीय विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा के 30 विधायक, कांग्रेस के 18 और राष्ट्रीय जनता दल का एक विधायक है। जिसको मिलाकर अभी हेमंत सरकार के पास लगभग 50 विधायकों का समर्थन है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के पास 26, उसके सहयोगी आजसू के पास 2 विधायक है। भाजपा को दो अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है।

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