रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब 5 महीने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं. जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार सुबह झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में हेमंत सोरेन के शामिल होना का कोई ठोस सबूत नहीं है. इसके […]
रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करीब 5 महीने के बाद जेल से बाहर आ गए हैं. जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार सुबह झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी. उच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में हेमंत सोरेन के शामिल होना का कोई ठोस सबूत नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि सोरेन पीएमएलए एक्ट के तहत जमानत की दोनों शर्तों को पूरा कर रहे हैं, इसीलिए उन्हें कोर्ट जमानत प्रदान कर रही है.
इसे लेकर जेएमएम की राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने कहा कि हेमंत सोरेन फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या नहीं यह पार्टी तय करेगी. पार्टी बैठक में इस बात पर निर्णय लिया जायेगा. फिलहाल पार्टी कार्यकर्ता व राज्य के लोग जमानत मिलने से खुश हैं. बता दें कि हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद चंपई सोरेन झारखंड के मुख्यमंत्री बने थे. अब कयास लग रहे हैं कि दोबारा हेमंत सोरेन को जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी.
बता दें कि हेमंत सोरेन रांची जमीन घोटाला मामले में आरोपी हैं। वो लंबे समय से जमानत के लिए कोशिश कर रहे थे. हेमंत सोरेन की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने अदालत में कहा कि यह मनी लांड्रिंग का नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है. केंद्र सरकार ने ईडी का दुरुपयोग दुर्भावनापूर्ण तरीके से किया है.
गौरतलब है कि जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 31 जनवरी को ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था. ED का कहना है कि उनके पास इस बात के सबूत है कि बरियातू डीएवी स्कूल के पीछे 8.66 एकड़ का ट्राइबल लैंड पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की बेनामी संपत्ति है. उन्होंने ये जमीन सर्कल सब-इंस्पेक्टर भानू प्रताप प्रसाद के साथ अवैध व्यवसाय के माध्यम से कमाए पैसे से खरीदा है.
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