मनिका प्रखंड की जंगुर पंचायत के औराटांड़ बांझीपोखर गांव का है. गांव में मनोज भुईयां नाम व्यक्ति की गर्भवती पत्नी रीमा देवी सोमवार को किसी तरह मनिका अस्पताल तक पहुंची. वहां करीब सुबह नौ बजे उसका प्रसव हुआ, लेकिन शिशु मृत था. अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाई की उनके शिशु के शव को और उनकी पत्नी को हॉस्पिटल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस प्रदान की जाए. लेकिन उसकी लाख कोशिशों के बाद भी अस्पताल प्रशासन के लोगों की दिल नहीं पसीजा.
लातेहार: झारखंड के लातेहार जिला के मनिका में एक रोंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल एक पिता को अपने नवजात बच्चे का शव हाथों में उठाकर आठ किलोमीटीर तक पैदल लेकर चलना पड़ा. मामला मनिका प्रखंड की जंगुर पंचायत के औराटांड़ बांझीपोखर गांव का है. गांव में मनोज भुईयां नाम व्यक्ति की गर्भवती पत्नी रीमा देवी सोमवार को किसी तरह मनिका अस्पताल तक पहुंची. वहां करीब सुबह नौ बजे उसका प्रसव हुआ, लेकिन शिशु मृत था.
चिकित्सा प्रभारी डॉ राजू कच्छप ने बताया कि शिशु की मौत गर्भ में ही हो गई थी. इसके बाद मनोज अपनी पत्नी और नवजात शिशु के शव को गांव ले जाने के लिए वाहन का इंजाम करने में लग गया. मनोज भुईयां काफी गरीब घर से हैं उनके पास किराए के पैसे नहीं थे, जिसके चलते उन्होंने ऐसी परिस्थिति में अस्पताल के अधिकारियों से गुहार लगाई की उनके शिशु के शव को और उनकी पत्नी को हॉस्पिटल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस प्रदान की जाए.
लेकिन उसकी लाख कोशिशों के बाद भी अस्पताल प्रशासन के लोगों की दिल नहीं पसीजा जिसके बाद मनोज को शव को गोद में उठा कर करीब आठ किलोमीटर दूर पैदल गांव ले जाना पड़ा. हिंदुस्तान की खबर के अनुसार अभी भी उसकी पत्नी अस्पताल में ही है. मनोज ने बताया कि संबंधित सहिया को फोन किया, लेकिन वह नहीं आई.
वहीं अस्पताल प्रशासन ने मामले में सफाई देते हुए कहा है कि सहिया एमआर टीकाकरण शिविर में थी. इस वजह से एंबुलेंस नहीं जा सकी. उन्होंने कहा कि मृत बच्चे को ले जाने के लिए अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है.
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