निरव मोदी के बाद एक और ज्वेलर ने 14 बैंकों को लगाया 824 करोड़ का चूना, SBI ने कहा- मॉरीशस में रह रहे घोटालेबाज दंपति

हीरा कारोबारी निरव मोदी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को करीब 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद एक और ज्वैलरी कंपनी द्वारा 14 बैंकों को 824 करोड़ रुपये का चूना लगाने का मामला सामने आया है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने पत्र लिखकर सीबीआई से शिकायत की है कि चेन्नई स्थित कनिष्क ज्वैलरी फर्म ने 14 बैंकों के साथ 824.15 करोड़ रुपये का फ्रॉड किया है. कंपनी के प्रमोटर और डायरेक्टर भूपेश कुमार जैन उनकी पत्नी नीता जैन देश छोड़कर मॉरीशस भाग चुके हैं.

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निरव मोदी के बाद एक और ज्वेलर ने 14 बैंकों को लगाया 824 करोड़ का चूना, SBI ने कहा- मॉरीशस में रह रहे घोटालेबाज दंपति

Aanchal Pandey

  • March 21, 2018 4:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

चेन्नईः तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में बैंक से धोखाधड़ी का एक और मामला सामने आया है. टाइम्स ग्रुप की खबर के अनुसार, यहां टी नगर स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की ब्रांच ने जनवरी माह में सीबीआई से एक बैंक फ्रॉड की शिकायत की थी. एसबीआई ने कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर करीब 842 करोड़ रुपये के लोन की धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए सीबीआई से इसकी शिकायत की थी. कथित तौर पर चेन्नई में यह फर्म कंपनी के प्रमोटर और डायरेक्टर भूपेश कुमार जैन उनकी पत्नी नीता जैन के नाम पर रजिस्टर है.

SBI की मानें तो पिछले काफी वक्त से दंपति उनके संपर्क से बाहर हैं. उनका मानना है कि दंपति मॉरीशस में रह रहे हैं. कनिष्क को लोन देने वाले 14 बैंकों में SBI प्रमुख है. SBI ने इसी साल 25 जनवरी को सीबीआई को पत्र लिखकर कथित 824.15 करोड़ रुपये के फ्रॉड की शिकायत की थी. SBI ने कनिष्क पर रिकॉर्ड्स के साथ छेड़छाड़ करने और रातोंरात दुकान बंद करने का आरोप लगाया है. बताया जा रहा है कि 11 नवंबर, 2017 को SBI ने इस बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को भी सूचित किया था.

SBI के मुताबिक, मार्च 2017 में पहली बार कनिष्क ज्वैलरी की तरफ सभी बैंकों को पेमेंट (लोन की किश्तें) करने में जालसाजी सामने आई. अप्रैल में कनिष्क ने सभी 14 बैंकों को पेमेंट करना बंद कर दिया. बैंक अधिकारियों ने कंपनी के प्रमोटर और डायरेक्टर से संपर्क किया लेकिन वह नहीं मिले. 25 मई, 2017 को जब बैंक अधिकारी कंपनी के शोरूम, कॉरपोरेट ऑफिस पहुंचे तो वहां ताले पड़े थे. भूपेश जैन ने उसी दिन बैंकों को पत्र लिखकर दस्तावेजों में फर्जीवाड़े और सभी स्टॉक को हटाने के बारे में बताया.

मद्रास ज्वैलर्स एंड डायमंड मर्चेंट एसोसिएशन के एक सदस्य ने बताया कि कंपनी ने घाटे से बचने के लिए मई 2017 में ही अपने सभी आउटलेट्स बंद कर दिए थे. SBI के शिकायती पत्र के अनुसार, बैंक ने पहली बार साल 2007 में कंपनी को लोन दिया था. जिसके बाद 2008 में बैंक ने कनिष्क गोल्ड की बैंक लिमिट बढ़ा दी. साल 2012 में सभी बैंकों के समूह (जिसे SBI लीड कर रहा था) ने कनिष्क को ‘मेटल गोल्ड लोन’ देने का फैसला किया. इसके अनुसार, कनिष्क किसी भी नामित बैंक या फिर खुले बाजार से बुलियन के हिसाब से सोना खरीद सकता था, जिसका पेमेंट बैंक को करना होता था.

कनिष्क को लोन देने वाले बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सिंडीकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, तमिलनाड मर्सेंटाइल बैंक, आंध्र बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं. फिलहाल SBI की शिकायत के बाद सीबीआई इस मामले में केस दर्ज कर पड़ताल की तैयारी कर रही है. गौरतलब है कि हीरा कारोबारी निरव मोदी द्वारा पीएनबी के साथ करीब 11300 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के बाद देश में बैंक फर्जीवाड़ों के खुलासे की लगभग बाढ़ सी आ गई है. अभी तक बैंक फ्रॉड के करीब एक दर्जन मामले सामने आ चुके हैं.

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