नई दिल्ली. JEE Main Cut off 2019: जेईई मेन 2019 अप्रैल परीक्षा के पांचवें स्लॉट का सफलतापूर्वक समापन हो गया है. सभी छात्रों की प्रतिक्रिया एक जैसी ही है. कई छात्रों का कहना है कि अप्रैल परीक्षा का कठिनाई स्तर जनवरी परीक्षा के बराबर रहा. विशेषज्ञों का मानना है कि अपेक्षित कट ऑफ बढ़ने की संभावना है. जानें विशेषज्ञों ने क्या कहा और छात्रों ने जेईई मेन 2019 अप्रैल परीक्षा के स्लॉट 5 के लिए क्या प्रतिक्रिया दी.
ये कट ऑफ संबंधित छात्रों के विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त प्रतिक्रियाओं पर आधारित हैं. ये कट ऑफ आधिकारिक कट ऑफ नहीं है. कंप्यूटर आधारित परीक्षा होने के नाते, कोई भी सही तरीका नहीं है जिससे विशेषज्ञ परीक्षा के कठिनाई स्तर का आंकलन कर सकें.
जनवरी की परीक्षा में 80 प्रतिशत से ऊपर अंक पाने वाले कुछ छात्रों ने साझा किया कि उनकी अप्रैल की परीक्षा उनकी जनवरी की परीक्षा से बेहतर थी. हालांकि कुछ ने टिप्पणी की है कि वे अपने एनटीए स्कोर में बहुत सुधार के बारे में बहुत उम्मीद नहीं लगा रहे हैं. विशेषज्ञ के आधार पर जेईई एडवांस 2019 के लिए पास होने के लिए अपेक्षित कट ऑफ नीचे दी गई है.
JEE Main Cut off 2019: जेईई मेन 2019 जेईई एडवांस के लिए अपेक्षित कट ऑफ
– सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 70 से 75 अंक प्राप्त करने होंगे.
– ओबीसी- एनसीएल वर्ग के उम्मीदवारों को 38 से 45 अंक प्राप्त करने होंगे.
– एससी वर्ग के उम्मीदवारों को 20 – 25 अंक प्राप्त करने होंगे.
– एसटी वर्ग के उम्मीदवारों को 20 – 24 अंक प्राप्त करने होंगे.
– पीडब्ल्यूडी के उम्मीदवारों के लिए ये उपलब्ध नहीं है.
एनटीए एक और 3 स्लॉट के लिए जेईई मेन 2019 परीक्षा आयोजित करेगा. एक परीक्षा 10 अप्रैल को दोपहर 2:30 बजे आयोजित की गई. इसके बाद अगली परीक्षा 12 अप्रैल 2019 को दो स्लॉट में आयोजित की जाएगी. जेईई मेन 2019 रैंक के साथ परिणाम 30 अप्रैल 2019 तक जारी किया जाएगा.
नई दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है. संसंद के…
ऐसा नहीं है कि डिप्टी एसपी अनुज चौधरी पहली बार सुर्ख़ियों में आये हैं। इससे…
वन टू थ्री', 'यू मी और हम', 'क्रेजी 4', 'अतिथि तुम कब जाओगे?', 'सन ऑफ…
हिंदू धर्म की कथाओं और पुराणों में गंगा नदी को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक…
सलमान खान ने एक पाकिस्तानी टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान को क्लीन चिट…
मौसम विभाग ने चेन्नई स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) के हवाले से कहा है…