Jay Panda Money Laundering Case: पूर्व सांसद जय पांडा समेत कई लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी का आरोप, एक्शन में आयकर विभाग

Jay Panda Money Laundering Case: कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी मामले में बीजु जनता दल के पूर्व सासंद जया पांडा के खिलाफ शिकयत दर्ज की गई है. ये शिकायत आयकर विभाग को की गई है. इस मामले में जय पांडा के साथ उनकी पत्नी और उनके सहयोगी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है.

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Jay Panda Money Laundering Case: पूर्व सांसद जय पांडा समेत कई लोगों पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी का आरोप, एक्शन में आयकर विभाग

Aanchal Pandey

  • February 8, 2019 10:33 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. आयकर विभाग के पास एक शिकायत दर्ज करवाई गई है. इस शिकायत में बीजु जनता दल के पूर्व सांसद जय पांडा पर कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी करने के आरोप लगे हैं. इस शिकायत में जय पांडा के अलावा उनकी पत्नी और उनके कुछ सहयोगी का भी नाम शामिल हैं. जनवरी में की गई इस शिकायत में दावा किया गया है कि जय पांडा, उनकी पत्नी मंगत पांडा और उनकी करीबी मंजुला देवी श्रॉफ ने अर्थशोधन निवारण अधिनियम, ब्लैक मनी अधिनियम और भारतीय आयकर अधिनियम के तहत फर्जी कंपनियों के जरिए गलत काम किए हैं.

कहा गया है कि उन्होंने विदेश से बिना जानकारी के 17.72 करोड़ रुपये भारत लाने के लिए फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया और फिर इस रकम से खरीदे गई शेयर को पांडा और उनकी पत्नी द्वारा चलाई जा रही कंपनियों को भेजा गया. इस शिकायत में लगे आरोपों को पांडा और उनकी पत्नी ने खारिज किया है. एक ईमेल में पांडा ने कहा है कि जिन ट्रांजेक्शन की बात की जा रही है वो लगभग दो दशक से पुरानी हैं. जहां तक मुझे याद है उन ट्रांजेक्शन को उस समय के नियम के अनुसार ही किया गया था और इसके लिए उचित अनुमति भी ली गई थी. वहीं इस बारे में मंजुला श्रॉफ ने कहा कि एक अटॉर्नी होल्डर के नाते से उन कंपनियों पर मेरा कोई अधिकार नहीं था जैसा आपने कहा है और ना ही मैं उन ट्रांजेक्शन की कोई लाभार्थी थी.

1995 और 2007 के बीच, तीन बहामास कंपनियों फिनले, मेसिना और पिकिका ने निवेश किया. ये निवेश सीधे और अपनी भारत सहायक कंपनियों एमएस टेलीकॉम लिमिटेड और कैलोरेक्स होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से किया गया था. इसमें कुल 17.72 करोड़ रुपये, इक्विटी में, शेयरों में और कर्ज देकर निवेश किए गए. मंजुला देवी श्रॉफ एमएस टेलीकॉम और कैलेरेक्स दोनों में निदेशक थीं. रिकॉर्ड बताते हैं कि मंजुला देवी श्रॉफ फिनले और मेसीना के लिए 1994 और जनवरी 1995 में पावर ऑफ अटॉर्नी की मालिक थीं.

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