Janata Curfew: 22 मार्च 2020 को भारत के लोग सालों साल याद रखेंगे क्योंकि ये वही दिन है जिस दिन देश में जनता कर्फ्यू और फिर तीन महीने के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था.
नई दिल्ली/ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस अपील को तो शायद ही कोई भूल पाया हो “आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं, ये है जनता कर्फ्यू… यानी जनता के लिए… जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू.” 22 मार्च 2020 को भारत के लोग सालों साल याद रखेंगे क्योंकि ये वही दिन है जिस दिन देश में जनता कर्फ्यू और फिर तीन महीने के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. बीते वर्ष कोरोना ने ऐसा कहर बरपाया की देशभर की सड़कों पर सन्नाटा छा गया और लोग घरों में कैद हो गए. मानो जिंदगी पटरी से उतर ही गई थी. क्या शहर और क्या गांव हर तरफ खामोशी थी. आज सोमवार 22 मार्च 2021 को इस ‘जनता कर्फ्यू’ को पूरा एक साल हो गया है.
बता दें कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 19 मार्च 2020 को देश को संबोधित किया था. इस दौरान ही उन्होंने पहली बार जनता कर्फ्यू का जिक्र किया था. जनता कर्फ्यू वाले दिन सुबह 7 बजे से लेकर रात 9 बजे तक सभी लोग अपनों के साथ अपने घरों में कैद रहे. बाजार से लेकर सार्वजनिक वाहन, दफ्तर और सभी दुकानें सबकुछ बंद था. हालांकि सुरक्षाकर्मी, प्रेस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मियों को इस दिन काम करने की छूट दी गई थी. जनता कर्फ्यू पर पीएम मोदी ने लोगों से कोरोना कमांडोज यानी प्रेस, स्वास्थ्यकर्मी और सफाईकर्मियों का ताली और थाली बजाकर धन्यवाद करने की अपील की थी. शाम 5 बजे लोग अपने घरों की छतों पर चढ़ गए और स्वास्थ्यकर्मियों, मीडियाकर्मियों के साथ ही सफाईकर्मियों के लिए ताली-थाली बजाकर उनके काम की सराहना की गई.
हालांकि अब जिंदगी वापस पटरी पर लौट गई है. अब सड़कों पर वाहन और ट्रैक पर ट्रेनें रफ्तार भर रही है. लोग अपने अपने कामों में लग चुके है. लेकिन अब जैसे कोरोना मरीज मिल रहे है, उससे लगता है कि कोरोना एक बार फिर जोर पकड़ेगा. एक बार फिर लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा, जो पहले किया था, ताकि कोरोना को एक बार फिर हराया जा सकें.
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