जम्मू: जम्मू। जम्मू में एक साल ज्यादा रह चुके लोगों को मतदाता बनाने का फैसला वापस हो गया है। जम्मू की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा ने अपने आदेश को वापस ले लिया है। बता दें कि जम्मू जिला प्रशासन के इस फैसला का राजनीतिक दल भारी विरोध कर रहे थे। क्या था जम्मू-प्रशासन का फैसला? […]
जम्मू। जम्मू में एक साल ज्यादा रह चुके लोगों को मतदाता बनाने का फैसला वापस हो गया है। जम्मू की डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा ने अपने आदेश को वापस ले लिया है। बता दें कि जम्मू जिला प्रशासन के इस फैसला का राजनीतिक दल भारी विरोध कर रहे थे।
जम्मू जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा 11 अक्टूबर को जारी किए गए आदेश के मुताबिक तहसीलदारों और राजस्व के अधिकारियों को आवास प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया गया था। प्रमाण पत्र जारी करने का मकसद उन लोगों को वोटिंग लिस्ट में शामिल करना था, जो इस वक्त रजिस्ट्रेशन में परेशानियों का सामना कर रहे थे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन, नाम हटाने और सुधारने को लेकर विशेष संशोधन प्रक्रिया चल रही है। इसी बीच मंगलवार को जिला निर्वाचन आधिकारी और उपायुक्त अवनी लवासा ने आदेश जारी कर उन दस्तावेजों की सूची भी सार्वजनिक की थी, जिन्हें निवास के प्रमाण के तौर पर स्वीकार किया जा सकता था।
गौरतलब है कि जम्मू की जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आदेश के मुताबिक विशेष संशोधन प्रक्रिया के दौरान पात्र मतदाता का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी तहसीलदारों को उन लोगों को आवास प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया था, जो एक साल से ज्यादा वक्त से जम्मू में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि संशोधन प्रक्रिया में यह सामने आया था कि जरूरी दस्तावेज नहीं होने के चलते कुछ पात्र परेशानियों का सामना कर रहे थे।
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