नई दिल्ली। Ramban Land Sink: जम्मू-कश्मीर के रामबन इलाके में जमीन धंसने से 50 से अधिक घर, चार बिजली टावर क्षतिग्रस्त हो गए हैं तथा एक सड़क तबाह हो गई है। स्थिति तब और खराब हो गई जब घरों में दरारें आने लगीं तथा पेरनोट गांव में जमीन धंसने के कारण गूल और रामबन के […]
नई दिल्ली। Ramban Land Sink: जम्मू-कश्मीर के रामबन इलाके में जमीन धंसने से 50 से अधिक घर, चार बिजली टावर क्षतिग्रस्त हो गए हैं तथा एक सड़क तबाह हो गई है। स्थिति तब और खराब हो गई जब घरों में दरारें आने लगीं तथा पेरनोट गांव में जमीन धंसने के कारण गूल और रामबन के बीच महत्वपूर्ण सड़क का संपर्क टूट गया।
ये घटना जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर स्थित पेरनोट गांव की है। उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी ने शुक्रवार सुबह प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इलाके के कई परिवारों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जमीन धंसने के पीछे की वजह का पता लगाने के लिए भूविज्ञान विशेषज्ञों को बुलाया गया है, वहीं पुनर्वास प्रयासों और सेवाओं की बहाली की निगरानी के लिए एक टीम तैनात की गई है।
उपायुक्त चौधरी ने आश्वासन देते हुए बताया कि जमीन लगातार धंस रही है, लेकिन हमारा तत्काल ध्यान रोड एक्सेस तथा बिजली जैसी जरूरी सुविधाओं को बहाल करने पर है। उन्होंने कहा कि हम सक्रिय रूप से तंबू तथा अन्य जरूरी चीजें वितरित कर रहे हैं और पीड़ितों की सहायता के लिए चिकित्सा शिविर बना रहे हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और एनडीआरएफ की टीमों के साथ स्थानीय लोगों ने क्षतिग्रस्त घरों से अपना सामान ट्रांसफर करने में प्रभावित लोगों की मदद की।
इस घटना में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जारी राहत प्रयासों पर जोर देते हुए प्रभावितों के साथ खड़े होने की बात कही। उन्होंने कहा कि मैं पेरनोट गांव में हुए दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन के बाद राहत कार्य को लेकर उपायुक्त बसीर-उल-हक चौधरी के साथ लगातार संपर्क में हूं।
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