Jammu & Kashmir: नई दिल्ली। भारत इस वक्त अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सभी देशवासी बहुत धूम-धाम से हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हो रहे है। ये पूरे देश में बहुत शांति और सुकून के साथ मनाया जा रहा है। साजिश की पीछे चीन तो नहीं? कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना हैं […]
नई दिल्ली। भारत इस वक्त अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सभी देशवासी बहुत धूम-धाम से हर घर तिरंगा अभियान में शामिल हो रहे है। ये पूरे देश में बहुत शांति और सुकून के साथ मनाया जा रहा है।
कूटनीतिक विश्लेषकों का मानना हैं कि आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ का उत्सव मनाने से पहले जिस तरह कश्मीर घाटी में ऊरी के तर्ज पर आतंकी हमले को अंजाम देने की हिमाकत की गई,उसके पीछे सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन की भी हाथ हो सकता है, क्योंकि चीन इस वक्त भारत और अमेरिका की नजदीकी से चिढ़ा हुआ है।
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों की उरी जैसे हमले की साजिश नाकाम हुई है। भारतीय सेना के जवानों ने आर्मी कैंप में घुसे दो आतंकवादियों को मार गिराया है। बताया जा रहा है कि इस मुठभेड़ में भारतीय सेना के तीन जवान शहीद हुए हैं और पांच जवान घायल हुए हैं। भारतीय सेना ने बताया है कि आतंकियों के खिलाफ सैन्य अभियान समाप्त हो गया है। सेना का ये ऑपरेशन राजौरी से 25 किलोमीटर दूर चल रहा था।
स्वतंत्रता दिवस से पहले आतंकी संगठन लगातार देश को दहलाने के लिए किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। इसे लेकर खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हैं और भारतीय सुरक्षा बल भी डटकर आतंकियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं।
गौरतलब है कि इसी तर्ज पर 18 सितंबर 2016 को आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में एलओसी के पास भारतीय सेना के स्थानीय मुख्यालय में घुस गए थे और सो रहे भारतीय जवानों पर हमला कर दिया था। आतंकियों ने सो रहे भारतीय सेना के जवानों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थी और हैंड ग्रेनेड दागे थे। इस आतंकी हमले में सेना के 16 जवान शहीद हो गए थे। सभी आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन के बताए गए थे, इसके बाद करीब छह घंटे तक चली मुठभेड़ में भारतीय सेना ने चारों आतंकियों को मार गिराया था।
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