Jammu Kashmir Day One After 370 Revoked: जम्मू-कश्मीर के लिए 6 अगस्त 2019 एक नई सुबह लेकर आया है. 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से सरकार ने अनुच्छेद 370 हटा दिया. इसे हटाने के बाद देशभर में इसके समर्थन और विरोध दोनों ही पक्ष के लोग खड़े हो गए. वहीं घाटी में भी इसका विरोध देखने को मिला. हालांकि सरकार ने पहले से ही कश्मीर में सुरक्षा के इंतजाम कड़े कर दिए हैं. दो दिनों से कश्मीर में धारा 144 लगाकर पूरे इलाके में सुरक्षा बल तैनात कर दिए हैं. यहां तक की कई राज्यों से 8000 से भी ज्यादा सुरक्षा बल जम्मू-कश्मीर भेजे गए हैं.
श्रीनगर. गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नरेंद्र मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने के फैसले की घोषणा की. सरकार ने जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में बांटने का प्रस्ताव दिया. अमित शाह ने सोमवार सुबह राज्यसभा में बड़ी घोषणा की. इसके बाद सरकार के इस फैसले के समर्थन और विरोध में राजनीतिक पार्टी और आम जनता दोनों ही अलग-अलग पक्ष में बंट गए. मोदी सरकार के सत्ता में आने के दो महीनों में ही भाजपा के एक चुनावी वादे को पूरा करते हुए, एनडीए ने सोमवार को अपना फैसला सुनाया. भारत के कई हिस्सों में इसके समर्थन में आतिशबाजी और मिठाइयों के साथ जश्न मनाया तो कई शहरों में विरोध मार्च निकाले गए. वहीं जम्मू- कश्मीर में इसको लेकर एक बड़ी आशंका थी.
सरकार को पहले से ही आशंकी थी कि घाटी से 370 हटाए जाने के बाद वहां विरोध प्रदर्शन देखने को मिल सकता है. इसी कारण सरकार ने राज्यसभा में इसको लेकर संकल्प पेश करने से पहले ही घाटी में सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करते हुए 10,000 अतिरिक्त सैनिकों को तैनात कर दिया गया था. वहीं राज्यसभा में 370 हटाने का संकल्प पेश करने के बाद सरकार ने उत्तर प्रदेश, ओडिशा, असम और कई अन्य राज्यों से लगभग 8,000 सैनिकों को एयरलिफ्ट करके कश्मीर में तैनात कर दिया था. रविवार की देर रात कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमार अब्दुल्लाह और महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद कर दिया गया था. वहीं सोमवार को संकल्प पेश करने के बाद की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला ने इसका विरोध किया. विरोध के कारण दोनों को गिरफ्तार भी कर लिया गया.
Government Sources on the situation in Jammu & Kashmir post-revocation of Article 370: There is peace and normalcy in J&K. It has been event free, no agitations held. People also moving about for essential work. pic.twitter.com/YJInDbJMjE
— ANI (@ANI) August 6, 2019
जम्मू-कश्मीर के लिए एक नई सुबह है. अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद ये पहला दिन है. जम्मू और कश्मीर सरकार ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की और राज्य में मौजूदा सुरक्षा और कानून व्यवस्था की समीक्षा की. सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू और कश्मीर की स्थिति के बारे में बात करते हुए अधिकारियों ने कहा कि, जम्मू-कश्मीर में शांति और सामान्य स्थिति है. दिनभर में कोई आंदोलन नहीं हुआ. जरूरी काम के लिए भी लोग बाहर आ रहे हैं. श्रीनगर में भी धारा 144 लागू है, लोग आवश्यक कार्यों के लिए बाहर आ रहे हैं.
Jammu & Kashmir: Section 144 is imposed in #Srinagar, people move about for essential work; #Article370 was abrogated and Jammu & Kashmir was made a Union Territory (UT) with legislature, yesterday. pic.twitter.com/oRjd4CznM6
— ANI (@ANI) August 6, 2019
अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर से हटने के बाद जम्मू और कश्मीर को विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया गया. इसी के बाद लद्दाख में भी लोगों ने खुशीयां मनाईं. कल लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना देने के बाद लेह और लद्दाख में समारोह का आयोजन किया गया. दरअसल वहां के लोग चाहते थे कि यह क्षेत्र केंद्र शासित प्रदेश हो. लद्दाख के लोग चाहते थे कि इस क्षेत्र को कश्मीर के प्रभुत्व और भेदभाव से मुक्त किया जाए.
Celebrations in Leh after Ladakh was made a Union Territory yesterday. pic.twitter.com/kAiFbDiULC
— ANI (@ANI) August 6, 2019