Jammu Kashmir Article 370 Revoked: जम्मू-कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद केंद्र के कुल 106 कानून जो पहले लागू नहीं होते थे वे अब वहां लागू होंगे. धारा 370 की वजह से कश्मीर में राज्य के बाहर के लोग जमीन नहीं खरीद पाते थे लेकिन अब दूसरे राज्यों के लोग भी वहां जमीन खरीद पाएंगे. साथ ही आरटीआई कानून पहले जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता था जिसे अब वहां लागू कर दिया गया है. ऐसे कुल 106 कानून हैं जो अब जम्मूृ-कश्मीर में लागू होंगे. नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला किया. साथ ही गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 भी पारित करवाया. अब से जम्मू-कश्मीर राज्य का विभाजन होगा और लद्दाख तथा जम्मू-कश्मीर दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाएंगे.
श्रीनगर. नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को एतिहासिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर उसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है साथ ही साथ लद्दाख को भी जम्मू-कश्मीर से अलग कर उसे अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है. जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 35 और 35 A की वजह से बहुत सारे कानून लागू नहीं हो पाते थे लेकिन अब आर्टिकल 35 खत्म होने के बाद केंद्र के 106 नियम और कानून होंगे जिनका पालन करना होगा. आर्टिकल 370 के खंड एक और दो में समस्त शक्तियां राष्ट्रपति के पास होंगी और वो समय-समय पर जम्मू-कश्मीर में बदलाव के लिए संविधान में नए संशोधित भी कर सकते हैं.
यानी जम्मू-कश्मीर में अब सीधे सीधे राष्ट्रपति की शक्तियां काम करेंगी. यानी केंद्र सरकार अब अपने हिसाब से यहां जरूरी कानूनों में बदलाव कर सकेगी. गौरतलब है 1948 में कश्मीर के भारत में विलय के बाद से आर्टिकल 370 राज्य में लागू था. आर्टिकल 370 राज्य को विशेषाधिकार देता था जिसे हटाने की लंबे समय से मांग की जा रही थी. लेकिन आज सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला कर दुनियाभर को हिलाकर रख दिया. आर्टिकल 370 हटने के बाद राज्य जो अब केंद्र शासित प्रदेश कहलाएगा उसमें कई हम बदलाव होंगे. इमें कुछ अहम बदलाव हैं जो हम आपको बताने जा रहे हैं.
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— InKhabar (@Inkhabar) August 5, 2019
पहले- जम्मू-कश्मीर में पहले लोग जमीन नहीं खरीद पाते थे
अब- जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोग भी वहां जमीन खरीद पाएंगे
पहले- जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल पहले 6 साल का होता था
अब- विधानसभा का कार्यकाल पांच साल का होगा
पहले- जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार पहले सीमित दायरे में कानून बना सकती थी
अब- सरकार जब जम्मू-कश्मीर से जुड़े हर तरह के कानून बना सकती है.
पहले- राज्य की कोई महिला अगर राज्य से बाहर के किसी शख्स से शादी करती थी तो उसकी राज्य की नागरिक्ता खत्म हो जाती थी
अब- कश्मीरी महिलाएं ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में किसी भी शख्स से शादी कर लेती है तो भी उसकी नागरिकता नहीं जाएगी
पहले- जम्मू-कश्मीर की पंचायत के पास कोई अधिकार नहीं होता था
अब- राज्य की पंचायत को पूरे भारत में जितने अधिकार बाकी पंचायतों को मिलते हैं उतने ही अधिकार मिलेंगे
पहले- अल्पसंख्यक हिंदुओं और सिखों को 16 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलता था
अब- सरकारी नौकरियों में हिंदुओं और सिखों को आरक्षण का लाभ मिलेगा
पहले- राज्य का अपना अलग झंडा होता था
अब- सिर्फ तिरंगा ही फहराएगा, कोई अलग झंडा नहीं होगा
पहले- जम्मू-कश्मीर के लोगों के पास दोहरी नागरिकता होती थी
अब- राज्य के नागरिकों के पास देख के बाकी नागरिकों की तरह सिर्फ एक नागरिकता होगी, भारतीय
पहले- जम्मू-कश्मीर में पहले भारत के राष्ट्रगान और राष्ट्र प्रतीकों का अपमान कोई अपराध नहीं था
अब- राष्ट्रगान और राष्ट्र प्रतीकों का अपमान करने पर सजा मिलेगी
पहले- जम्मू-कश्मीर में पहले सूचना का अधिकार लागू नहीं होता था
अब- राज्य में अब आरटीआई कानून लागू होगा
पहले- राज्य में शिक्षा का अधिकार नहीं होता था
अब- बच्चों को अब शिक्षा के अधिकार कानून का फायदा भी मिलेगा.
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