जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सुरंग में छिपकर हमला करने वाले आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पांच जवानों को सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार यानी 24 नवंबर को सुबह श्रद्धांजलि देकर सम्मानित किया. राजौरी के दरमसाल के बाजीमल इलाके में बुधवार और गुरुवार यानी 23-24 नवंबर को सुरक्षा बलों के […]
जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में सुरंग में छिपकर हमला करने वाले आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए पांच जवानों को सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने शुक्रवार यानी 24 नवंबर को सुबह श्रद्धांजलि देकर सम्मानित किया. राजौरी के दरमसाल के बाजीमल इलाके में बुधवार और गुरुवार यानी 23-24 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ 36 घंटे तक चली लड़ाई में अफगानिस्तान में प्रशिक्षित लश्कर-ए-तैयबा के एक शीर्ष कमांडर सहित दोनों आतंकियों को ढेर किया. इस दौरान गोलीबारी में घायल होने के बाद दो कैप्टन सहित पांच जवान भी अपनी जान गवां बैठे। सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. सेना के शहीद जवानों के पार्थिव शरीरों को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक स्थान भेजा जा रहा है.
आतंकियों से सामना करते हुए अपनी जान निछावार करने वाले जवानों में कर्नाटक के मंगलोर के निवासी कैप्टन एम वी प्रांजल का नाम शामिल हैं. वह 63 राष्ट्रीय राइफल्स में थे. कैप्टन प्रांजल के परिवार में उनकी साहसी पत्नी अदिति हैं. इसी तरह से 9 पैराट्रूपर के जवान कैप्टन शुभम गुप्ता मूल रूप से आगरा के निवासी थे. कैप्टन गुप्ता के परिवार में उनके पिता बसंत कुमार गुप्ता हैं.
जम्मू-कश्मीर के पुंछ के रहने वाले हवलदार अब्दुल माजिद शहीद हुए हैं. माजिद के परिवार में उनकी पत्नी सगेरा बी. और तीन बच्चे हैं. उत्तराखंड के नैनीताल में रहने वाले लांस नायक संजय बिष्ट ने भी अपनी जान त्याग दी. उनके परिवार में मां मंजू देवी हैं. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के पैराट्रूपर सचिन लौर भी शहीद हुए हैं, जिनके परिवार में केवल उनकी मां भगवती देवी ही हैं.
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