Jammu & Kashmir: भारतीय सेना ने एक और आंतकी को मार गिराया, जून में अब तक 27 आंतकी ढेर

Jammu & Kashmir: जम्मू। घाटी में सेना द्वारा आंतकियो का सफाया लगातार जारी है। सेना दहशतगर्दों को ढूंढ ढूंढ कर उनका एनकाउंटर कर रही है। इसी बीच पुलवामा में सेना को कुछ आतंकियों के होने की खबर मिली। आंतकी पुलवामा के दुजान गांव में छिपे थे, इसकी जानकारी मिलते ही सेना ने वहां के पुलिस […]

Advertisement
Jammu & Kashmir: भारतीय सेना ने एक और आंतकी को मार गिराया, जून में अब तक 27 आंतकी ढेर

Vaibhav Mishra

  • June 21, 2022 1:56 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Jammu & Kashmir:

जम्मू। घाटी में सेना द्वारा आंतकियो का सफाया लगातार जारी है। सेना दहशतगर्दों को ढूंढ ढूंढ कर उनका एनकाउंटर कर रही है। इसी बीच पुलवामा में सेना को कुछ आतंकियों के होने की खबर मिली। आंतकी पुलवामा के दुजान गांव में छिपे थे, इसकी जानकारी मिलते ही सेना ने वहां के पुलिस की सयुंक्त टीम के साथ मिलकर पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी। जिससे आंतकियो को भागने का मौका न मिल सकें, खुद को घिरता देख कर आंतकियो ने सुरक्षा बलों की टीम पर फायरिंग कर दिया। जिसका सेना के जवानों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और एक आंतकी मार गिराया। सुरक्षा बल और आंतकियों के बीच अभी भी मुठभेड़ जारी है, कितने आंतकी वहां पर छिपे है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नही मिल पायी है।

जून में अब तक 27 आंतकी ढेर

बता दें कि जून में आतंकियो के खिलाफ सेना द्वारा 15 ऑपरेशन किये गये हैं, इन ऑपरेशनों में 7 पाकिस्तानी समेत कुल 27 आंतकी मारे गए है। इसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा को भारी नुकसान पहुंचा, जिसके 19 आंतकी मारे गये है।

जड़ से खत्म कर रही है सेना

पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से कश्मीर घाटी में आंतकवादियों द्वारा हिंदू नागरिकों की टारगेट किलिंग की जा रही थी, इससे माहौल बहुत तनाव पूर्ण बन गया था। जिससे निपटने के लिये एक हाई प्रोफाइल मीटिंग रखी गई, जिसकी अध्यक्षता खुद गृहमंत्री अमित शाह कर रहें थे। इस मीटिंग में आंतकियों को जड़ से खत्म करने का निर्णय लिया गया।

जमातो की भूमिका है शक के घेरे में

गौरतलब है कि आंतकियो पर सीधे तौर पर हमलें के साथ साथ उनके पारिस्थितिकी तंत्र को भी निशाना बनाया जा रहा है। जिससे कश्मीर घाटी में दहशतगर्दों को जड़ से समाप्त किया जा सके, इसी रणनीति के अन्तर्गत वहां जमात से जुड़े स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है। इन स्कूलों पर आरोप है कि ये हिंसा और दुष्प्रक प्रचार से युवाओं को बरगलाने का काम करते रहे हैं। साल 2008, 2010 और 2016 के हिंसा में इन जमातो की भूमिका का शक गहराया था। तब से ये एसआईए के जांच के घेरे में है।

India Presidential Election: जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये 5 जरुरी बातें

Advertisement