Jammu & Kashmir: श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण को लेकर विवाद रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच आज नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के आवास पर सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी हिस्सा लिया है। उमर अब्दुल्ला ने किया ट्वीट इससे पहले गुरूवार को […]
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नए मतदाताओं के पंजीकरण को लेकर विवाद रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच आज नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ फारूक अब्दुल्ला के आवास पर सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी हिस्सा लिया है।
इससे पहले गुरूवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर लिखा कि क्या भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू कश्मीर के वास्तविक मतदाताओं के समर्थन को लेकर इतनी असुरक्षित है कि उसे विधानसभा सीटें जीतने के लिए अस्थायी मतदाताओं को आयात करने की जरूरत पड़ गई है? उमर ने आगे लिखा कि जब भी जम्मू-कश्मीर के लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का मौका मिलेगा तो इनमें से कोई भी चीज बीजेपी की सहायता नहीं करेगी।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इसका असी उद्देश्य स्थानीय कश्मीर की आबादी को शक्तिहीन करना है। उन्होंने कहा कि बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव के बाद संविधान को खत्म कर देगी। वो भगवा झंडा को राष्ट्रीय ध्वज बना देगी।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने भी मीडिया में चल रही उस खबर पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें दावा किया गया है कि जो भी लोग काम, व्यवसाय या शिक्षा के उद्देश्य से जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं, वो अगले विधानसभा चुनाव में मतदान कर सकते हैं। लोन ने इस कदम को खतरनाक करार देते हुए कहा कि ये विनाशकारी फैसला होगा।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी हिरदेश कुमार ने एक बड़े फैसले के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि आयोग ने कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान करने का अधिकार दिया है। जिसमें कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वो व्यक्ति शामिल होंगे जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। वो मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट कर सकते हैं।
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