What is Article 370 In Hindi: क्या है अनुच्छेद 370, क्यों जम्मू-कश्मीर में ये है गंभीर मुद्दा, जानें डिटेल रिपोर्ट

Jammu and Kashmir Article 35A and 370: जम्मू और कश्मीर में सभी राजनीतिक नेता अनुच्छेद 35 ए को संरक्षित करने की अपनी लड़ाई में एकजुट हैं. उनका दावा है कि संविधान में राज्य को दिए गए विशेष दर्जे का आधार है और इसे ऐसे ही रहने देना चाहिए. हालांकि सरकार राज्य से 35 ए हटाना चाहती है. इसको लेकर राज्य के नेता और केंद्र के बीच तनातनी रही है. एक बार फिर संभावना जताई जा रही है कि सरकार इस पर बड़ा फैसला ले सकती है. ऐसे में जानें क्या है अनुच्छेद 35 ए और 370, क्यों कश्मीर में ये एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है?

Advertisement
What is Article 370 In Hindi: क्या है अनुच्छेद 370, क्यों जम्मू-कश्मीर में ये है गंभीर मुद्दा, जानें डिटेल रिपोर्ट

Aanchal Pandey

  • August 5, 2019 9:29 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

श्रीनगर. जम्मू और कश्मीर में राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 35ए और 370 को रद्द करने के केंद्र सरकार के किसी भी प्रयास के खिलाफ चेतावनी दी है. 35ए एक प्रावधान है जो अपनी विधानसभा के स्थायी निवासियों और उनके अधिकारों को प्राप्त करने की अनुमति देता है. साथ ही अनुच्छेद 370 राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता है. इस पर सरकार द्वारा लिया गया कोई भी फैसला घाटी में तनाव को और बढ़ा देगा. हाल ही में केंद्र द्वारा की गई कार्रवाइ को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि कश्मीर में कुछ बड़ा होना है. दरअसल हाल ही में सरकार ने अमरनाथ यात्रा तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को राज्य छोड़ने और घाटी में हजारों सुरक्षा कर्मियों को तैनात करने के निर्देश दिए हैं. स्थानीय राजनीतिक नेताओं- नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सजाद लोन को रविवार देर रात नजरबंद कर दिया गया.

क्या है 35ए और 370
जम्मू और कश्मीर में सभी राजनीतिक नेता अनुच्छेद 35 ए को संरक्षित करने की अपनी लड़ाई में एकजुट हैं, जो उनका दावा है कि संविधान में राज्य को दिए गए विशेष दर्जे का आधार है. हरि सिंह द्वारा जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन शासक- 1927 में शुरू किया गया कानून बाहरी लोगों को संपत्ति रखने और सरकारी रोजगार जैसे लाभों का लाभ उठाने से रोकता है. यह अनुच्छेद 370 का एक हिस्सा है, जो राज्य को अपने स्वयं के संविधान, ध्वज और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मामलों को छोड़कर अपने स्वयं के कानूनों को संभालने के अधिकार की गारंटी देता है.

संविधान का अनुच्छेद 35ए जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासियों को परिभाषित करता है और बाहरी लोगों को संपत्ति रखने और सरकारी नौकरियों सहित लाभ प्राप्त करने से बाहर रखता है. अनुच्छेद 35ए भी सरकार को राज्य के लंबे समय के निवासियों के लिए प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति देता है. 1954 में जम्मू और कश्मीर में रहने वाले लोग और साथ ही कम से कम 10 साल बिताने वाले लोग भी स्थायी निवासी के रूप में योग्य थे. हालांकि, एक एनजीओ- वी द सिटिजंस ने अनुच्छेद 35ए को सुप्रीम कोर्ट में इस आधार पर चुनौती दी कि इसे अनुच्छेद 368 के तहत एक संशोधन के माध्यम से संविधान में नहीं जोड़ा गया. यह कहा कि संसद के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के बजाय इसे तुरंत प्रभावी कर दिया गया.

कश्मीर के लिए विशेष दर्जे के समर्थकों का कहना है कि यह उस राज्य की एक परिभाषित विशेषता है जो वहां के लोगों से वादा किया गया था. भाजपा ने कश्मीर के लिए विशेष दर्जे के खिलाफ तर्क दिया है. हालांकि कई इसे गठबंधन सहयोगी- पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ भाजपा के मतभेद मानते हैं. रविवार को आयोजित कश्मीरी राजनीतिक दलों की एक बैठक में, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने एक प्रस्ताव पढ़ा जिसमें कहा गया कि वे राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए प्रतिनिधिमंडल भेजेंगे ताकि उन्हें किसी भी प्रयास के परिणामों के बारे में अवगत कराया जा सके.

Jammu Kashmir Reservation Act 2004: क्या है जम्मू और कश्मीर आरक्षण अधिनियम 2004, इसमें क्या बदलाव करना चाहती है सरकार

Modi Govt On Removal Of Article 370 35A: जम्मू-कश्मीर में तनाव के बीच जल्द होगा बड़ा ऐलान, धारा 35A, 370 को हटा सकती है नरेंद्र मोदी सरकार, कैबिनेट और संसद में बिल रखने की तैयारी

Tags

Advertisement