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दिल्ली में जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक जारी, रणनीति पर हो रही चर्चा

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. जिसके तहत उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की जांच की जाएगी. इस फैसले की घोषणा राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बीते हफ्ते की थी. इस घोषणा का कई […]

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दिल्ली में जमीयत उलमा-ए-हिंद की बैठक जारी, रणनीति पर हो रही चर्चा
  • September 6, 2022 12:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. जिसके तहत उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की जांच की जाएगी. इस फैसले की घोषणा राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बीते हफ्ते की थी. इस घोषणा का कई मुस्लिम नेताओं और राजनीतिक दलों ने विरोध जताया था. इसी बीच राज्य सरकार के ऐलान पर जमीयत-उलेमा-ए- हिंद (Jamiat Ulema e hind)ने आज दिल्ली में एक बैठक बुलाई है.

किसने बुलाई है बैठक

बता दें कि यह बैठक जमीयत-उलेमा-ए- हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने बुलाई है. इस बैठक में यूपी में सरकार की मदद के बगैर चलने वाले मदरसों से जुड़े लोगों को बुलाया गया है. वहीं, इस बैठक में मदरसा संचालक सर्वेक्षण के सरकारी घोषणा के बाद अपनी रणनीति बनाएंगे. कहां जा रहा है कि बैठक के बाद मदनी दोपहर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकते हैं.

योगी सरकार ने फैसला किया है कि प्रदेश के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे करवाया जाएगा. इसके लिए 10 सितंबर तक सर्वे टीमें गठित की जाएंगी. इसमें संबंधित तहसील के उप जिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शामिल होंगे. सर्वे टीमें 10 अक्तूबर तक अपनी रिपोर्ट देंगी और जिलाधिकारी 25 अक्तूबर तक सर्वे का डाटा और रिपोर्ट शासन को भेजेंगे.

यह जानकारी जुटाएगी सरकार

गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण में मदरसे का नाम,उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या,फर्नीचर, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था, बिजली आपूर्ति, शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम, आय के स्रोत, गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं ली जाएंगी. इसके अलावा सर्वे में मदरसे के टीचरों की स्थिति, उनको मिलने वाले वेतन-भत्तों की सूचना भी सर्वेक्षण में जुटाई जाएगी.

क्या कह रहे हैं सर्वेक्षण के विरोधी

वहीं, योगी सरकार के इस फैसले का कई संगठन और राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. विरोध कर रहे दलों ने कहा कि सरकार मुसलमानों को शक की नजर से देख रही हैं. इसका विरोध कर रहे लोग इसे छोटा एनआरसी बता रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि प्रदेश में 16 हजार 513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. उसका कहना है कि इनके अलावा भी कई मदरसे खुल गए हैं. इन मदरसों को बोर्ड ने मान्यता नहीं दी है.

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