नई दिल्ली। कल अमेरिका से भेजे गए अवैध भारतिय प्रवासी भारत लौट आए। तब से इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष प्रवासियों को लाने के तरीके पर मोदी सरकार को घेर रहा है। उनका कहना है कि भारतीय प्रवासियों को हथकड़ी पहना कर भेजा है। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्ष को जवाब दिया है। विदेश मंत्री ने राज्यसभा में कहा कि यदि कोई नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहा पाया जाता है तो उसे वापस बुलाना सभी देशों का दायित्व है। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से बात कर रहे हैं कि निर्वासितों के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो।
उन्होंने निर्वासन पर संयुक्त राष्ट्र संधि का हवाला देते हुए कहा कि यह वैध प्रवास का समर्थन करने और अवैध प्रवास को हतोत्साहित करने के लिए है। अवैध अप्रवासी वहां अमानवीय परिस्थितियों में फंसे हुए थे। इसलिए अवैध अप्रवासियों को वापस भेजना पड़ा। उन्होंने कहा कि निर्वासन कोई नई बात नहीं है। विदेश मंत्री ने 2009 से अब तक के आंकड़े भी गिनाए और कहा कि हर साल अवैध अप्रवासियों को वापस भेजा जाता है। अमेरिकी नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई। विदेश मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब लोगों को वापस भेजा गया हो। यह नियम 2012 से लागू है।
इससे पहले कांग्रेस सदस्य शशि थरूर ने कहा कि वह (पीएम मोदी) अगले हफ्ते अमेरिका में होंगे। हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि वह अमेरिकियों से मजबूती से कहेंगे कि वे लोगों को वापस भेज सकते हैं, उनके पास हर कानूनी अधिकार है, लेकिन वे ऐसा इस तरह नहीं कर सकते। इससे पहले विपक्षी दलों के सदस्यों ने अमेरिका से ‘अवैध’ भारतीय अप्रवासियों को वापस भेजने के मुद्दे पर जोरदार नारेबाजी की।
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