नई दिल्लीः भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए इस समय पाकिस्तान में हैं। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर कर रहे हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन में एस जयशंकर ने आतंकवाद और अलगाववाद को लेकर पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। विदेश […]
नई दिल्लीः भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में भाग लेने के लिए इस समय पाकिस्तान में हैं। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर कर रहे हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन में एस जयशंकर ने आतंकवाद और अलगाववाद को लेकर पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। विदेश मंत्री ने संप्रभुता के मुद्दे पर चीन को भी लताड़ा है।
भारतीय चाणक्य ने कहा कि एससीओ में सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभु समानता पर आधारित होना चाहिए। इसे क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता को मान्यता देनी चाहिए। इसे वास्तविक साझेदारी पर बनाया जाना चाहिए न कि एकतरफा एजेंडे पर। जब डॉ. जयशंकर भाषण दे रहे थे, तो पाकिस्तान के टेलीविजन ने लाइव समिट को रोक दिया। जयशंकर का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब चीन ने पाकिस्तान में कश्मीर का मुद्दा उठाया है।
डॉ. जयशंकर ने एससीओ सदस्यों से कहा, ‘मैं आपसे अनुच्छेद 1 पर ध्यान देने का अनुरोध करता हूं, जो एससीओ के उद्देश्यों और कार्यों को स्पष्ट करता है। इसका मुख्य उद्देश्य आपसी विश्वास, मित्रता और अच्छे पड़ोसी संबंधों को मजबूत करना है। इसका एक अन्य उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से क्षेत्रीय स्तर पर सहयोग बढ़ाना है। इसका लक्ष्य संतुलित विकास को बढ़ावा देना और संघर्ष को रोकने के लिए एक सकारात्मक शक्ति बनना है। चार्टर में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हमारे सामने तीन मुख्य चुनौतियां हैं – आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद, जिनसे निपटने के लिए एससीओ पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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