नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र से 146 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्षी दल लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा था. इस बीच उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा मिमिक्री ने विवाद को हवा दे दी थी. जिसके बाद यह मामला और बिगड़ गया. अब कांग्रेस के राज्यसभा […]
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र से 146 सांसदों के निलंबन के बाद विपक्षी दल लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहा था. इस बीच उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा मिमिक्री ने विवाद को हवा दे दी थी. जिसके बाद यह मामला और बिगड़ गया. अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh on MPs Suspension) ने इसपर बयान दिया है. उन्होंने सभापति और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच पत्रों के जरिए हुई बातचीत के बारे में भी बात की है.
एक समाचार एजेंसी के अनुसार, इस पूरे मामले पर जयराम रमेश (Jairam Ramesh on MPs Suspension) ने कहा है कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को 2-3 पत्र लिखे हैं. इन पत्रों का जवाब मल्लिकार्जुन खरगे ने दिया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर को मल्लिकार्जुन खरगे सभापति से नहीं मिल पाएंगे क्योंकि वह दिल्ली से बाहर हैं. उन्होंने बताया कि खरगे अगले 2-3 दिनों में सभापति से मुलाकात करेंगे. बता दें कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर उन्हें 25 दिसंबर यानी आज बातचीत करने के लिए बुलाया था.
इस दौरान जयराम रमेश ने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई सभापति से नहीं है, बल्कि सत्ता पक्ष के खिलाफ है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जगदीप धनखड़ संवैधानिक प्राधिकारी हैं और हम उनका पूरा सम्मान करते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार को मन बनाना चाहिए कि वो सदन चलाना चाहते हैं या नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार विपक्ष को मौका देना चाहती है या नहीं, यह असली मुद्दा है. इस दौरान उन्होंने अपनी मांग फिर से दोहराते हुए कहा कि हमारी सिर्फ इतनी मांग है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पीएम मोदी सुरक्षा उल्लंघन मुद्दे पर बयान दें. उनका कहना है कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सदन को नजरंदाज करके बाहर वक्तव्य दे रहे हैं और सदन में जवाब देने से लगातार बच रहे हैं.
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