नई दिल्ली: जागीरपुरी हिंसा मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की रोहिणी अदालत ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि बिना इजाजत इलाके में जुलूस कैसे निकाला गया? कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से कहा कि इस मामले में जांच करें और दोषी पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करें।
रोहिणी कोर्ट ने हिंसा के आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा दिख रहा है कि स्थानीय पुलिस बिना अनुमति के निकाले गए जुलूस को रोकने में असफल रही। कोर्ट ने कहा कि प्रथमदृष्टया से यह दिल्ली पुलिस की विफलता को दर्शाता है। दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे को दरकिनार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि संबंधित अधिकारियों की ओर से दायित्व तय करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो और पुलिस अवैध गतिविधियों को रोकने में नाकामयाब ना हो।
सुनवाई के दौरान अदालत ने हिंसा मामले में 8 लोगों की जमानत याचिका खारिज कर दी है। रोहिणी कोर्ट का कहना है कि आरोपी व्यक्तियों को जमानत पर रिहा करने से गवाह प्रभावित हो सकते हैं। अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्ति क्षेत्र के ज्ञात अपराधी हैं और इसलिए कोई भी सार्वजनिक गवाह आगे नहीं आएगा।
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