नई दिल्ली। हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी में हुई हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए है. हिंसा प्रभावित पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. इसी बीच डीसीपी (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने आज जहांगीरपुरी इलाके का निरीक्षण किया। अतिक्रमण पर चलेगा बुलडोजर दिल्ली […]
नई दिल्ली। हनुमान जयंती के दिन जहांगीरपुरी में हुई हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए है. हिंसा प्रभावित पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. इसी बीच डीसीपी (उत्तर पश्चिम) उषा रंगनानी ने आज जहांगीरपुरी इलाके का निरीक्षण किया।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक उत्तर एमसीडी 20 और 21 अप्रैल को जहांगीरपुरी इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाएगी. बताया जा रहा है कि ये कार्रवाई सुबह 10 बजे से शुरू होगी. इस कार्रवाई में सड़क के पास पड़े कबाड़ और कचड़े को बुलडोजर से हटाया जाएगा. सूत्रों की मानें तो किसी के घर पर बुलडोजर चलने की संभावना कम है।
बता दें कि हिंसा के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां सतर्क है. किसी भी उपद्रव और अनहोनी से बचने के लिए हिंसा प्रभावित पूरे क्षेत्र में पैरमिलिट्री और पुलिस को छतो पर तैनात कर दिया गया है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती है. पत्थरबाजी के घटना से बचने और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आज सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में फ्लेग मार्च भी किया है।
जहांगीरपुरी हिंसा प्रभावित इलाके में बुलडोजर अभियान की संभावनाओं को सुनने के बाद सड़कों पर अतिक्रमण किए लोगों ने अपना सामान हटाना शुरू कर दिया है. लोग जल्दी-जल्दी में अपने सामानों को दूसरे जगह पर ले जा रहे है।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन हुई भीषण हिंसा में अब तक 23 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. वहीं इस हिंसा से जुड़े 150 से अधिक वीडियों सामने आ चुके. इन्हीं वीडियों के आधार पर दिल्ली पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है. इस हिंसा में 8 पुलिसकर्मी भी घायल हुए।
हिंसा में घायल हुए सब-इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा से दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने उनके घर पर जाकर मुलाकात की है. इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने सब-इंस्पेक्टर को पुलिस विभाग से हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि हनुमान जयंती के दिन हुए इस उपद्रव को लेकर दोनों पक्षों के अपने दावे है. शोभायात्रा निकालने वाले लोगों का कहना है कि पीछे से पथराव किया गया तो वहीं दूसरे पक्ष का दावा है कि शोभायात्रा की आड़ में उनके धार्मिक स्थल में घुसने का प्रयास किया गया. जिसके बाद उपद्रव शुरू हुआ।