Jagdeep Dhankhar Letter: राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने खड़गे को लिखा पत्र, सांसदों के निलंबन पर चर्चा के लिए किया आमंत्रित

नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar Letter) ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है. उन्होंने 25 दिसंबर को शाम 4 बजे उप राष्ट्रपति निवास पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है. सभापति ने अपने इस पत्र में लिखा है कि आपने चैंबर में बातचीत करने के मेरे प्रस्ताव […]

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Jagdeep Dhankhar Letter: राज्यसभा के सभापति धनखड़ ने खड़गे को लिखा पत्र, सांसदों के निलंबन पर चर्चा के लिए किया आमंत्रित

Manisha Singh

  • December 23, 2023 8:47 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar Letter) ने कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को पत्र लिखा है. उन्होंने 25 दिसंबर को शाम 4 बजे उप राष्ट्रपति निवास पर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया है. सभापति ने अपने इस पत्र में लिखा है कि आपने चैंबर में बातचीत करने के मेरे प्रस्ताव को अस्वीकार किया. लेकिन अगर आप इसपर सोचेंगे तो समझ आएगा कि सभापति के साथ बातचीत से बचना और विपक्ष के नेता द्वारा सदन के पटल पर ऐसे अनुरोध को अस्वीकार करना अवांछनीय रूप से अभूतपूर्व है.

इस कारण हुआ निलंबन

जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar Letter) ने पत्र में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के सदन में किए गए बर्ताव को सदन की परंपरा के विरुद्ध बताया है. उन्होंने कहा कि नारेबाजी, तख्तियां लहराना, सदन के वेल में प्रवेश करना और अध्यक्ष के प्रति इशारा करके सदन में जानबूझकर अव्यवस्था पैदा करने की वजह से उन्हें सदन से निलंबित किया गया था.

‘अव्यवस्था रणनीतिक थी’

राज्यसभा के सभापति ने यह भी कहा कि सदन में हुई अव्यवस्था जानबूझकर की गई थी और रणनीतिक थी. राजनीतिक रणनीति के रूप में हथियार बनाकर व्यवधान और अशांति फैलाना लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र करने से कम नहीं है. उन्होंने कहा कि अव्यवस्था हमारे संसदीय लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के लिए हानिकारक है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सभी हितधारकों के बीच संवाद को बढ़ावा देकर लोगों की सेवा करने का अपना प्रयास जारी रखूंगा.

मल्लिकार्जुन खरगे ने भी लिखा था पत्र?

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge Letter) ने भी कल राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा था. इसमें उन्होंने लिखा था कि मैं आपके ध्यान में लाना चाहूंगा कि संसद की सुरक्षा के उल्लंघन के गंभीर मुद्दे को संबोधित करने के लिए राज्यों की परिषद (राज्य सभा) के नियमों और प्रक्रिया के प्रासंगिक नियमों के तहत कई नोटिस प्रस्तुत किए गए थे. विपक्षी दल इसपर एक सार्थक चर्चा के लिए तैयार थे. पर दुख की बात है कि किसी भी विपक्षी सदस्य को बोलने का मौका नहीं दिया गया. आगे उन्होंने लिखा कि मुझे यह उम्मीद है कि अध्यक्ष के रूप में आप हर समय विपक्ष की चिंताओं को ध्यान में रखेंगे.

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