इम्फाल: मणिपुर में शांति के लौटने का इंतजार पूरे देश को है. कुछ दिन पहले लगा कि शांति बहाली हो रही है लेकिन शांति का प्रयास सफल नहीं हो पाया.
इम्फाल: मणिपुर में शांति के लौटने का इंतजार पूरे देश को है. कुछ दिन पहले लगा कि शांति बहाली हो रही है लेकिन शांति का प्रयास सफल नहीं हो पाया. दरअसल प्रदेश के जिरीबाम में शांति बहाल करने के प्रयासों के लिए मेइती और हमार समुदायों के बीच समझौता होने के एक दिन बाद ही तनाव पैदा हो गया. यहां गोलीबारी की गई और एक खाली पड़े घर को आग लगा दी गई. घटना एक बिल्कुल ही अलग बस्ती में हुई जहां मेइती समुदाय के कुछ लोगों के घर हैं. जिले में हिंसा भड़कने के बाद से इनमें से अधिकतर घर खाली हैं. उपद्रवियों ने इलाके में सुरक्षाकर्मियों की गैर मौजूदगी का फायदा उठाया और आगजनी की. अभी तक उपद्रवियों की पहचान नहीं हो सकी है. इसको लेकर iTV ने एक सर्वे किया है, जिसमें चार सवाल पूछे गए जिनका परिणाम चौंकाने वाला आया है.
Q. इतने महीनों के बाद भी मणिपुर क्यों जल रहा है?
कुकी-मैतई का आपसी संघर्ष-15.00%
सरकार हालात नहीं संभाल पा रही-55.00%
विदेशी ताकतों का हाथ-28.00%
कह नहीं सकते-2.00%
Q. मोहन भागवत के मणिपुर पर बयान को कैसे देखते हैं आप?
राज्य सरकार की तरफ इशारा-12.00%
केंद्र सरकार की ओर इशारा-37.00%
सामान्य बयान है- 46.00%
कह नहीं सकते- 5.00%
Q. क्या मणिपुर की हिंसा में अवैध प्रवासियों का हाथ है?
हां-72.00%
नहीं-22.00%
कह नहीं सकते-6.00%
Q. मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह का बयान 5 साल में 10 हजार से ज्यादा घुसपैठिए म्यांमार, बांग्लादेश, नॉर्वे, चीन और नेपाल से आए, आपकी राय?
हां-79.00%
नहीं-14.00%
कह नहीं सकते- 7.00%
सर्वे के नतीजों से साफ है कि वहां की स्थिति को लेकर लोगों में रोष है. आम लोग मानते हैं कि जिस तरह से सरकार को सक्रिय होकर स्थिति संभालनी चाहिए थी वो नहीं संभाल पाई.
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