नई दिल्ली: “आज की नारी सब पर भारी”, जी हाँ! महिलाएं हर क्षेत्र में आज अपनी जगह बनाने में सफल हो रही हैं। आज वो हर काम में पुरुषों को बराबर की टक्कर दे रही हैं। महिलाओं की भावना को सलाम करते हुए आईटीवी नेटवर्क ने एक ख़ास आयोजन किया है। बुधवार को दिल्ली के […]
नई दिल्ली: “आज की नारी सब पर भारी”, जी हाँ! महिलाएं हर क्षेत्र में आज अपनी जगह बनाने में सफल हो रही हैं। आज वो हर काम में पुरुषों को बराबर की टक्कर दे रही हैं। महिलाओं की भावना को सलाम करते हुए आईटीवी नेटवर्क ने एक ख़ास आयोजन किया है। बुधवार को दिल्ली के ली मेरिडियन होटल में ‘वी वीमेन वांट: शक्ति अवार्ड्स’ 2022 पर एक कॉन्क्लेव हुआ। आपको बता दें, ये साप्ताहिक शो “वी वीमेन वांट” महिलाओं और उनकी शक्ति और यात्रा का जश्न मनाता है। शक्ति का अर्थ यहां उनकी अदम्य साहस, धैर्य और उदारता की कहानियों से है।
कॉन्क्लेव में केरल और तेलंगाना के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और तमिलिसाई सुंदरराजन भी मौजूद रहीं। वहीं दूसरी ओर पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल किरण बेदी भी उपस्थिति थी। इस कार्यक्रम में केंद्रीय खेल और युवा मंत्री अनुराग ठाकुर भी शामिल हुए। अतिथियों ने महिलाओं को शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। जिसमें राष्ट्रमंडल पदक विजेता, पैरालंपिक खिलाड़ी, एसिड अटैक सर्वाइवर्स, डॉक्टर, अभिनेता, डिजाइनर और डिजिटल सामग्री निर्माता शुमार रहे।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने महिलाओं के अधिकारों के महत्व पर अपनी बात रखी। इसी दौरान उन्होंने कहा, “लालची पुरुषों ने महिलाओं को दबाने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है।” उन्होंने आगे कहा कि कैसे इस्लाम के भीतर महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे को उठाने के लिए उन पर कई बार हमला किया गया।
इसके अतिरिक्त, तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने पहले एक डॉक्टर के रूप में और फिर एक राजनेता के रूप में अपनी खुद की यात्रा के बारे में बताया। महिलाओं के अधिकारों के लिए उन्होंने कैसे संघर्ष किया। पुडुचेरी की पूर्व राज्यपाल डॉ किरण बेदी ने अपने सेवाकाल और लैंगिक समानता प्राप्त करने में पालन-पोषण के महत्व के बारे में चर्चा की। कॉन्क्लेव के दौरान उन्होंने कहा, “पहले लड़कों के पालन-पोषण को महत्व दिया जाता था। वहीं उन्होंने इस बात पर भी लोगों का ध्यान खींचा कि पुलिस सेवा ही देश की सेवा करने का एकमात्र विकल्प नहीं है बल्कि ये भी देश की सेवा करने का एक विकल्प है। वह लड़कियों में आत्मविश्वास की भावना विकसित करने के लिए अधिक बाहर रहने की सलाह देती हैं।
केंद्रीय खेल और युवा मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी महिलाओं को सम्मानित किया और ‘द ग्रेट इंडिया रन’ मशाल प्राप्त की, जिसे श्रीनगर से दिल्ली में कई महिला धावकों सहित धावकों द्वारा लाया गया था। उन्होंने ‘नारी शक्ति’ और महिलाओं के धैर्य के बारे में बात की, विशेष रूप से ग्रामीण भारत की महिलाओं के बारे में। उन्होंने कहा, “धर्म के नाम पर महिलाओं के साथ अन्याय को खत्म किया जाना चाहिए।” इसके अलावा, उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि कैसे कई सरकारी योजनाओं ने भारत में क्रांति लाई है और महिलाओं को स्वतंत्र बनाया है।
इस कार्यक्रम में अभिनेता शरवरी वाघ, शेफाली शाह और मलाइका अरोड़ा सहित कई हस्तियां भी शामिल हुईं। अंबाला की मेयर शक्ति रानी शर्मा ने भी विजेताओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “यह उन प्रेरक महिलाओं को सम्मानित करने की एक पहल है जो अनगिनत भारतीय महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के लिए भी अग्रणी रही हैं। यह उनके अमूल्य योगदान का प्रतिनिधित्व करता है और उनका सम्मान करता है।”
आईटीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने इस पहल के बारे में बातचीत की। उन्होंने बताया कि यह किस तरह से प्रेरणादायी यात्राओं को प्रदर्शित करने और सशक्त महिलाओं का एक मजबूत समुदाय बनाने का अभियान है। उन्होंने आगे कहा, “हमें उम्मीद है कि जिस समुदाय को बनाने का हम प्रयास कर रहे हैं वह कई गुना बढ़ेगा और साहस की कहानियों के साथ कई दृढ़ महिलाएं हमारे साथ जुड़ेंगी।”
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