ITV Gandhi Mandela Peace Initiative 2019: आईटीवी नेटवर्क की ओर से आयोजित गांधी मंडेला पीस इनिशिएटिव कार्यक्रम में बिलीफ फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. अनुराग बत्रा ने महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला के जीवन मूल्यों और सीख को लोगों के साथ साझा किया. डॉ. बत्रा ने कहा कि गांधी और मंडेला ने पूरी दुनिया को जीना सिखाया. दोनों दुनिया के सबसे बड़े नेता थे और लोगों को अपनी प्रेरणा, क्षमा और करुणा के साथ दुनिया को जीवन की सीख दी.
नई दिल्ली. महात्मा गांधी की 150वीं और नेल्सन मंडेला की 100वीं वर्षगांठ को लेकर आईटीवी गांधी मंडेला पीस इनीशिएटिव कार्यक्रम नई दिल्ली के इंपीरियल होटल में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में बिलीफ फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. अन्नुराग बत्रा, डॉ. रमनभाई पटेल फाउंडेशन की संस्थापक तृप्ति पटेल और द संडे गार्जियन और आईटीवी नेटवर्क के संस्थापक कार्तिकेय शर्मा मौजूद रहे. गांधी मंडेला पीस इनिशिएटिव 2019 में अतिथियों, प्रेरक वक्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने वैश्विक नेता गांधी और मंडेला के जीवन मूल्यों, शिक्षाओं और सीख को सबके साथ साझा किया.
इस कार्यक्रम के स्वागत भाषण में डॉ. बत्रा ने कहा, ‘महात्मा गांधी एक विश्व आइकन और दुनिया के सबसे बड़े नेता थे. नेल्सन मंडेला ने खुद कहा था कि उन्होंने गांधी से प्रेरणा ली. आज के समय में जब देश, संस्थान और परिवार के बीच मतभेद हैं, गांधी और मंडेला ने अपनी प्रेरणा, नेतृत्व कौशल, क्षमा और करुणा के साथ दुनिया को जीवन की सीख दी.
डॉ. बत्रा ने नेल्सन मंडेला की बात का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है. मंडेला ने कहा था कि छोटे-छोटे किरदार निभाने में मजा नहीं आता है. जीवन में कुछ करना है तो उसके लिए जुनून होना चाहिए. यदि आप कुछ पाने के लिए अपने अंदर जुनून पैदा करते हैं तो वह आपको अवश्य मिलती है. डॉ. बत्रा ने बताया कि इसलिए उन्होंने अपने फाउंडेशन का नाम बिलीफ फाउंडेशन रखा है.
https://www.youtube.com/watch?v=3YqA2NvsMVk
आपको बता दें कि इस कार्यक्रम के तहत हर साल वैश्विक शांति और समाज के लिए काम करने वाले लोगों को गांधी मंडेला पीस इनिशिएटिव अवार्ड दिया जाता है. इस साल का गांधी मंडेला शांति मेडल थिच नात हान को दिया गया है. थिच नात हान एक वैश्विक आध्यात्मिक नेता, कवि और शांति के लिए काम करने वाले कार्यकर्ता हैं. इन्होंने शांति और चेतना पर कई विश्व प्रसिद्ध लेख और किताबें लिखी हैं. मार्टिन लूथर किंग ने इन्हें “शांति और अहिंसा का दूत” कहा था.