गोरखपुर. आईटीवी फाउंडेशन ने आज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सीएसआर के तहत इंसेफेलाइटिस यानी दिमागी बुखार के पीड़ितों के लिए शिविर लगाया. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया. यह कैंप गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 29 जून से एक जुलाई तक लगाया जाएगा.
इसमें सुबह 8 से शाम 4 बजे तक दिमागी बुखार के मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाएगा. कैंप में दिल्ली और लखनऊ के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की मेडिकल टीम इको-कार्डियो सहित कई आधुनिक उपकरणों के साथ रोगियों का इलाज करेगी और उन्हें जरूरी सलाह भी दी जाएगी. कार्यक्रम की शुरुआत में आईटीवी नेटवर्क के प्रोमोटर और एमडी कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि गोरखपुर के अलावा इस साल पश्चिम बंगाल, बिहार, पंजाब और कर्नाटक में भी इंसेफेलाइटिस पीड़ितों के लिए कैंप का आयोजन किया जाएगा. रजिस्ट्रेशन के लिए 8700092442 पर संपर्क किया जा सकता है.
इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आईटीवी फाउंडेशन को इंसेफेलाइटिस के खिलाफ मुहिम चलाने को लेकर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जब भी कोई मुहिम चलाई जाती है तो हम उसे सरकार या संस्था का मानकर सीमित कर देते हैं. दिमागी बुखार पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1977 से कहर बरपा रहा है. उस समय सैकड़ों बच्चों की मौत जापानी बुखार के कारण हुई थी. उन्होंने कहा कि किसी सरकार या प्रशासन ने इस पर गंभीरता से विचार नहीं किया. पहली बार यह बीमारी साल 1956 में तमिलनाडु में देखी गई थी.
सीएम ने कहा, 1998 में जब मैं गोरखपुर का सांसद बना तो एक कार्यकर्ता ने बताया कि इस बीमारी के कारण बीआरडी अस्पताल में कई बच्चे भर्ती हैं. वॉर्ड में एक बेड पर 4-4 बच्चे लेटे थे. यहां तक कि टॉयलेट्स भी बदबूदार थे. इसके बाद जब वे बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से मिले तो उन्होंने कहा कि हमें साधनों की जरूरत है, जिसमें 100 बेड, एसी, बेडशीट और अन्य उपकरण शामिल थे. सीएम ने कहा कि बतौर सांसद उन्होंने एक हफ्ते के भीतर अन्य सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर मेडिकल कॉलेज को सामान मुहैया कराया.
इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब मैंने संसद में इस मामले को रखना चाहा तो कहा गया कि यह राज्य का विषय है तो मैंने कहा कि यह बीमारी किसी राज्य का विषय नहीं है. उड़ीसा, बिहार, वेस्ट बंगाल, उत्तर प्रदेश में भी इस बीमारी ने कहर बरपाया है. सीएम ने कहा कि पहली बार मुझे इंसेफेलाइटिस पर 2 मिनट के लिए संसद में बोलने का मौका मिला तो 10-15 सांसदों ने कहा कि यह बीमारी उनके इलाके की भी है.
इसके बाद मैंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से इस बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि 1 लाख वैक्सीन का स्टॉक आपको पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए मुहैया कराया जा सकता है. मैंने कहा कि पूर्व यूपी के इस क्षेत्र की आबादी करीब 3 करोड़ है. अगर इसमें 1 से 15 साल के बच्चों की बात की जाए तो उनकी आबादी बैठेगी 1 करोड़. एक बच्चे को अगर दो वैक्सीन भी दी जाएंगी तो कम से कम 2 करोड़ वैक्सीन की जरूरत होगी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनके पास दवाइयों का इतना स्टॉक नहीं है. 5 बार गोरखपुर से सांसद रहे योगी ने कहा कि एेसे में विदेशों में दवाइयों की संभावनाओं को खोजा जाना चाहिए.
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