NDA में एक नए दल की एंट्री होने वाली है। दावा किया जा रहा है कि इस दल के एनडीए में शामिल होने के बाद बीजेपी की जेडीयू और टीडीपी पर निर्भरता कम हो जाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी के अंदर से यह डर भी खत्म हो जाएगा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार पलटी मार सकते हैं या फिर चंद्रबाबू नायडू विपक्ष से जाकर मिल सकते हैं।
नई दिल्ली। केंद्र के सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA में एक नए दल की एंट्री होने वाली है। दावा किया जा रहा है कि इस दल के एनडीए में शामिल होने के बाद बीजेपी की जेडीयू और टीडीपी पर निर्भरता कम हो जाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार और बीजेपी के अंदर से यह डर भी खत्म हो जाएगा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार पलटी मार सकते हैं या फिर चंद्रबाबू नायडू विपक्ष से जाकर मिल सकते हैं।
बता दें कि जिस बड़े राजनीतिक दल के एनडीए में शामिल होने की चर्चा हो रही है, उसका नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्र पवार है। चर्चा है कि एनसीपी अजित गुट और एनसीपी शरद गुट अब एक हो सकता है। दावा किया जा रहा है कि एक बहुत बड़ा उद्योगपति एनसीपी के दोनों गुटों को एक करने की कोशिश कर रहा है।
इसके अलावा उप-मुख्यमंत्री अजित पवार खुद भी चाहते हैं कि चाचा शरद पवार वाली पार्टी उनके साथ आ जाए और एनसीपी पहले की तरह एक हो जाए। मालूम को 2023 में अजित पवार 40 से ज्यादा विधायकों के साथ चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए थे।
एनसीपी-शरद चंद्र पवार अगर एनडीए में शामिल होती है तो बीजेपी को इससे काफी फायदा होगा। केंद्र की सत्ता का नेतृत्व कर रही बीजेपी के पास इस वक्त 240 लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगियों के पास 53 सांसद हैं, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के पास 16 और नीतीश कुमार की जेडीयू के पास 12 सांसद हैं। इन दोनों क्षेत्रीय दलों पर मोदी सरकार की निर्भरता कुछ ज्यादा ही है, क्योंकि इनके हटने पर एनडीए की संख्या 265 पर पहुंच जाती है, जो बहुमत- 272 से 7 कम है।
ऐसे में अगर शरद पवार वाली पार्टी एनडीए के साथ आती है तो नरेंद्र मोदी को काफी मजबूती मिलेगी। एनसीपी-शरद चंद्र पवार के पास 8 लोकसभा सांसद हैं। उसके एनडीए में आने पर सत्ताधारी गठबंधन के पास 301 सांसद हो जाएंगे। इसके बाद अगर भविष्य में चंद्रबाबू नायडू के 16 और नीतीश कुमार के 12 सांसद अपना समर्थन वापस भी ले लेते हैं तब भी नरेंद्र मोदी सरकार के पास 273 सांसदों का समर्थन रहेगा।
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