हुआ खुलासा…पत्थरबाजी के लिए यहां से आते थे पैसे

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर रविवार शाम को थम गया है। तीसरे चरण में 40 विधानसभा सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। तीसरे चरण में जम्मू की 24 और कश्मीर की 16 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। सभी दलों की नजर पहले […]

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हुआ खुलासा…पत्थरबाजी के लिए यहां से आते थे पैसे

Manisha Shukla

  • September 30, 2024 6:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार का शोर रविवार शाम को थम गया है। तीसरे चरण में 40 विधानसभा सीटों के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। तीसरे चरण में जम्मू की 24 और कश्मीर की 16 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। सभी दलों की नजर पहले चरण के मतदान पर है क्योंकि इन्हीं सीटों के नतीजे से तय होगा कि जम्मू-कश्मीर की सत्ता की कुर्सी पर कौन बैठेगा।

 

 

आर्टिकल 370 हटने के पहले का कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में विधान सभा का तीसरे चरण का चुनाव 1 अक्तूबर को होने वाला हैं और सारी तैयारी हो चुकी हैं। आर्टिकल 370 के समय कश्मीर का अलग ही माहौल चल रहा था। आए दिन कश्मीरी युवा हमारे सैनिकों पर पत्थरबाजी करते थे। वहीं इस चुनाव के दौरान यह भी बात सामने आई है कि सैनिकों के ऊपर पत्थरबाजी करने के उन्हें पैसे दिए जाते थे।

मौजूदा कश्मीरी युवाओ का कहना है कि उन्हें उस समय पत्थरबाजी के लिए कहीं 500 रु., कहीं 300 रु.,कहीं 1000 रुपये सभी लड़कों को मिलते थे, हम उस समय यहीं काम करते थे। एक प्रतिशत लोग ही इस पत्थरबाजी में शामिल नहीं होते थे बाकि सब लोग पत्थरबाजी के लिए दौड़ जाते थे। पत्थरबाजी के लिए पैसे कहां से आते थे। यह स्थानिक लोगों को आज तक नहीं पता चला। हालांकि, एक स्थानिक व्यक्ति का कहना है कि यार,दोस्तों से घुमते-घुमते पैसे हमारे पास पहुंचते थे।

आर्टिकल 370 हटने के बाद

5 अगस्त 2019 को संसद ने अनुच्छेद 370 और 35ए के तहत जम्मू-कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को हटाने की मंजूरी दी थी। तब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे ‘ऐतिहासिक गलती को सुधारने के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम’ बताया था। अब जम्मू-कश्मीर के हालत बदल गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के स्थानिकों का कहना है कि अब 24 घंटे बिजली रहती हैं, अब बत्ती गुल नहीं होती। 2019 से पहले हमें घर से बहार निकलने में डर लगता था कि घर वापस आना होगा या नहीं। लगातार स्थानीय लोग सरकार द्वारा दिए जा रहे राशन पर अपनी नाराजगी जाता रहे है। यहां भी युवा खास कर शिक्षित महिलाओं का कहना है कि शिक्षा के आधार पर यहां रोजगार की बहुत कमी है। सभी युवाओं की इस चुनाव से बहुत आस है।

 

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