नई दिल्ली: हमारा देश भारत ऐसा देश है जहां पर जहां महिलाओं को देवी माना जाता है लेकिन जब बात उसी महिला के साथ अत्याचार, शारीरिक उत्पीड़न की हो तब कोई आवाज़ नहीं उठाता है. ज़रा आप खुद सोचिये जब अपना ही पति संबंध बनाते समय बलात्कारी लगने लगे तब उस महिला की मानसिक स्थिति […]
नई दिल्ली: हमारा देश भारत ऐसा देश है जहां पर जहां महिलाओं को देवी माना जाता है लेकिन जब बात उसी महिला के साथ अत्याचार, शारीरिक उत्पीड़न की हो तब कोई आवाज़ नहीं उठाता है. ज़रा आप खुद सोचिये जब अपना ही पति संबंध बनाते समय बलात्कारी लगने लगे तब उस महिला की मानसिक स्थिति और कष्ट का अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है. भारत में मैरिटल रेप को गुनाह या जुर्म नहीं माना जाता। हमारे देश में, लड़की को यही सिखाया जाता है कि उसका पति तो उसका परमेश्वर है. अपने पति को खुश करना करना ही तो उसकी ज़िन्दगी का फर्ज है.
आज भी देश के कई हिस्सों में महिलाओं को दबाया जाता है और जब वे इस बारे में बात करना चाहती हैं तो समाज इस बात को स्वीकार नहीं करता कि एक पति अपनी बीवी के साथ ऐसा कैसे कर सकता है. समाज की इस दकियानूसी सोच के मुताबिक औरतों को अपने भविष्य की चिंता करनी चाहिए और अपने मियां-बीवी के बीच की चीजों पर ऐतराज़ नहीं करना चाहिए। आकड़ों की बात करें तो करीबन 70फीसदी शराबी पति अपनी बीवियों के साथ यौन हिंसा करते हैं. पुरुष वर्ग हमेश से खुद को हक़दार महसूस करते आया है, ऐसे में इस अहम भाव को मिटाने के लिए सिर्फ काउंसलिंग यानी समझाइश ही एक सहारा है. जिससे पुरुषों में महिलाओं को लेकर समान भावना पैदा हो सके.
जानकारी के लिए बता दें, महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले में देश का कर्नाटक राज्य सबसे आगे हैं. गौरतलब है कि कर्नाटक में साक्षरता दर 75.60 प्रतिशत है. बावजूद इसके इस राज्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले सबसे तेज है. आपको बता दें, भारत देश में हर तीन में से एक महिला का पति उसके साथ हिंसा व अन्य उत्पीड़न करता है. रिपोर्ट्स की मानें तो, देश में करीब 18 से 49 साल की 30 प्रतिशत महिलाओं को शारीरिक हिंसा से जूझना पड़ता है. आइये आपको रिपोर्ट दिखाते हैं.
आपको बता दें, सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक करीबन 70फीसदी शराबी पति अपनी बीवियों के साथ यौन हिंसा करते हैं. कर्नाटक समेत बिहार, मणिपुर, तमिलनाडु और तेलंगाना देश के ऐसे टॉप 5 राज्य हैं जहां पर महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा शारीरिक, मानसिक और यौन हिंसा अंजाम दी जाती है.
• कर्नाटक- 44 फीसद
• बिहार- 40 फीसद
• मणिपुर- 40 फीसद
• तमिलनाडु- 38 फीसद
• तेलंगाना- 37 फीसद
• उत्तर प्रदेश- 35 फीसद
इसके साथ ही आपको बता दें, लक्ष्यद्वीप, नगालैंड, हिमाचल प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर ऐसे राज्य है जहाँ पर महिलाओं के साथ कम शारीरिक, मानसिक और यौन हिंसा की जाती है. साथ ही आपको बता दें. शहर व गांव की तुलना में ग्रामीण महिलाएं ज्यादा हिंसा का सामना करती है. यही नहीं, करीबन 77 प्रतिशत महिलाएं ऐसी हैं जो इस तरह की शारीरिक या यौन हिंसा का अनुभव करने के बाद भी किसी से कुछ नहीं कहती व न ही मदद की गुहार मांगती है. ऐसे में ज़रा आप खुद से पूछिए कि क्या घरेलू हिंसा सिर्फ एक पारिवारिक मामला है….?