इसरो शुक्रवार को अपना 100वां उपग्रह लॉन्च कर इतिहास रचने जा रहा है. इसके साथ ही ISRO 30 अन्य उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजेगा. जिनमें भारत के तीन जबकि छह अन्य देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं. ये 28 सैटेलाइट फिनलैंड, फ्रांस, कनाडा, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और ब्रिटेन के हैं
नई दिल्ली. शुक्रवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के श्रीहरिकोटा से अपने 100वें उपग्रह को लॉन्च करेगा. गौरतलब है कि यह साल का पहला प्रक्षेपण होगा. बता दें कि इस उपग्रह के साथ 30 अन्य उपग्रहों को भी अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. जिनमें भारत के 3 जबकि 6 अन्य देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं. ये 28 सैटेलाइट फिनलैंड, फ्रांस, अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया के हैं. देश के अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम के इतिहास में यह खास उपलब्धी होगी. इसरो के जन संपर्क अधिकारी के अनुसार ‘श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह 9:28 बजे पीएसएलवी-सी40 रॉकेट छोड़े जाने के 24 घंटे पूर्व गुरुवार को उल्टी गिनती शुरू हो गई है.’
लॉन्च किए गए इन उपग्रहों में एक पांच किलोग्राम का नैनो सैटेलाइट और एक 100 किलोग्राम का माइक्रो सैटेलाइट भी शामिल हैं. कुल उपग्रहों का वजन मिलाया जाए तो 1323 किलोग्राम है.बता दें कि अलग-अलग देशों के उपग्रहों को भारत से लॉन्च कर ISRO शानदार कमाई कर रहा है. ऐसे में साल 2017 में इसरो ने विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजकर करीब 300 करोड़ रुपये कमाए थे.
गौरतलब है कि साल 1969 में इसरो की स्थापना होने के बाद से भारत ने अंतरिक्ष में बड़ी छलांग लगाना शुरू किया और हर साल कई देशी और विदेशी सैटेलाइट को अंतरिक्ष में पहुंचाकर नई ऊंचाइयों को छुआ. साल 1975 के 19 अप्रैल को भारत ने अपना पहला सैटेलाइट ‘आर्यभट्ट’ को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा और विश्व को दिखाया कि वो भी अंतरिक्ष तकनीक में पीछे नहीं रहने वाला.
इसरो के नए प्रमुख बने अंतरिक्ष में 104 सैटेलाइट भेजने वाले रॉकेट मैन के. सिवन
ISRO का नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1H आज होगा लॉन्च
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