ISRO Vikram Lander Separates From Chandrayaan 2 Orbiter: चंद्रमा मिशन में इसरो बढ़ा एक कदम आगे, चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ विक्रम लैंडर

ISRO Vikram Lander Separates From Chandrayaan 2 Orbiter: चंद्रमा मिशन में इसरो एक कदम और आगे बढ़ गया है. चंद्रयान- 2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक विक्रम लैंडर अलग हो गया है. चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से लैंडर विक्रम के अलग होने का समय 1245 घंटे और 1345 घंटे (आईएसटी- भारतीय समयनुसार) के बीच निर्धारित किया गया था. इसके बाद, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरने की तैयारी के लिए लैंडर विक्रम के दो डीओरबिट युद्धाभ्यास होंगे.

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ISRO Vikram Lander Separates From Chandrayaan 2 Orbiter: चंद्रमा मिशन में इसरो बढ़ा एक कदम आगे, चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ विक्रम लैंडर

Aanchal Pandey

  • September 2, 2019 2:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. रविवार को चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान 2 लैंडर, विक्रम सोमवार को कक्ष से सफलतापूर्वक अलग हो गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, इसरो ने एक ट्वीट में विकास की पुष्टि की है. चंद्रयान -2 ऑर्बिटर से लैंडर ‘विक्रम’ का अलग होने का समय दोपहर 12:45 से दोपहर 01:45 बजे (आईएसटी- भारतीय समयनुसार) के बीच निर्धारित किया गया था. इसके बाद, चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरने की तैयारी के लिए लैंडर ‘विक्रम’ के दो डी ओरबिट युद्धाभ्यास होंगे.

14 अगस्त को चंद्रयान -2 उपग्रह ने चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू की थी. पृथ्वी की कक्षा को छोड़कर, इसरो द्वारा किए गए एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के बाद, इसरो द्वारा मून मिशन पर अंतरिक्ष यान को रखने के लिए किया गया. भारत के जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, GSLV MkIII-M1 ने 22 जुलाई को 3,840 किलोग्राम के चंद्रयान -2 अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में लॉन्च कर दिया था.

अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा है कि इसरो के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स से बेंगलुरु के पास ब्यालू में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क एंटेना के समर्थन से अंतरिक्ष यान के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी जा रही है. लैंडिंग के बाद, रोवर ‘प्रज्ञान’ लैंडर ‘विक्रम’ से 5:30- 6:30 के बीच 7 सितंबर को एक चंद्र दिन की अवधि के लिए चंद्र सतह पर एक प्रयोग को अंजाम देगा, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है. लैंडर का मिशन जीवन भी चांद के एक दिन के बराबर है. जबकि ऑर्बिटर एक वर्ष के लिए अपने मिशन को जारी रखेगा.

ऑर्बिटर चंद्र की सतह की मैपिंग के लिए आठ वैज्ञानिक पेलोड ले जाता है और चंद्रमा के एक्सोस्फीयर (बाहरी वातावरण) का अध्ययन करता है जबकि लैंडर सतह और उपसतह विज्ञान प्रयोगों का संचालन करने के लिए तीन वैज्ञानिक पेलोड ले जाता है. रोवर ने चंद्र की सतह की समझ को बढ़ाने के लिए दो पेलोड का वहन किया.

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