ISRO Gaganyaan First Human Mission to Space: आजादी की 75वीं सालगिरह पर 2022 में अंतरिक्ष में यात्री भेजेगा इसरो, भारत का पहला स्वदेशी मानव मिशन

ISRO Gaganyan First Human Mission to Space: भारत की आजादी की 75 वीं सालगिरह पर साल 2022 में भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो अंतरिक्ष में पहला स्वदेशी मानव मिशन लॉन्च करने जा रही है. केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2022 में गगनयान के जरिए भारत से 2-3 यात्री अंतरिक्ष में भेजे जाएंगे. इसके अलावा इसरो इस साल 15 जुलाई को चंद्रयान-2 भी लॉन्च करने जा रहा है जो कि सिंतबर महीने में चंद्रमा पर पहुंच जाएगा.

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ISRO Gaganyaan First Human Mission to Space: आजादी की 75वीं सालगिरह पर 2022 में अंतरिक्ष में यात्री भेजेगा इसरो, भारत का पहला स्वदेशी मानव मिशन

Aanchal Pandey

  • June 13, 2019 3:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो जल्द ही अंतरिक्ष में मानव भेजने की तैयारी कर रहा है. भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह पर 2022 में इसरो अंतरिक्ष में अपना पहला मानव मिशन भेजेगा. केंद्रीय परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि गगनयान मिशन के लिए स्पेशल सेल बना दी गई है, जो कि इस मिशन की योजना और तैयारियों की मॉनिटरिंग करेगी. गगनयान के जरिए 2022 में अंतरिक्ष में 2-3 यात्री भेजे जाएंगे. यह भारत का अंतरिक्ष में पहला स्वदेशी मानव मिशन होगा और इसकी लागत करीब 10 हजार करोड़ रुपये तक आएगी.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को लॉन्च किया जाएगा, जो कि सितंबर महीने में जाकर चंद्रमा पर लैंड होगा. डॉ. यह मिशन चंद्रयान-1 का ही विस्तार होगा. चंद्रयान-2 की लागत करीब 603 करोड़ रुपये बताई गई है. 

इसरो के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने मिशन चंद्रयान-2 के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 15 जुलाई को अलसुबह 2 बजकर 51 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा. इस यान में तीन कंपोनेंट होंगे- ओर्बिटर, लेंडर और रोवर. चंद्रयान-2 का कुल वजन करीब 3.8 टन होगा.

वहीं गुरुवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने नए सैटेलाइट कंप्यूटराइज्ड सेक्योरिटी मॉनिटरिंग सिस्टम के बारे में भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अब हमारे पास सैटेलाइट पर आधारित कंप्यूटराइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम है, जिससे बॉर्डर के इलाकों में सुरक्षा बढ़ सकेगी. यदि बॉर्डर के इलाकों में कोई भी हरकत होती है तो इस सिस्टम के जरिए तुरंत ही सुरक्षा बलों के पास अलार्म बजने लगेगा और वे अलर्ट हो जाएंगे.

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