ISRO Solar Mission 2020 Aditya-L1: भारत के मून मिशन चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद अब इसरो अगले साल सूर्य मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. साल 2020 के शुरुआती महीनों में इसरो आदित्य-एल1 लॉन्च करेगा. यह भारत का पहला सोलर मिशन होगा. आदित्य-एल1 के जरिए सूर्य की बाहरी सतह कोरोना के तापमान का अधय्यन करने में मदद मिलेगी. साथ ही इसे PSLV-XL रॉकेट के जरिए लंग्राज बिंदु 1 (Lagrangian Point 1) यानी एल 1 के करीब स्थित हालो ऑर्बिट में भेजा जाएगा.
नई दिल्ली. चंद्रयान-2 के सफलतापूर्वक प्रक्षेपण के बाद अब इसरो सूर्य की तरफ जाने की तैयारी कर रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने सोमवार दोपहर 2.43 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से मून मिशन चंद्रयान-2 को लॉन्च किया. प्रक्षेपण के कुछ ही देर बाद चंद्रयान-2 अंतरिक्ष की कक्षा में पहुंच गया. चंद्रयान-2 के सफल प्रक्षेपण के बाद भारत ने विश्व में इतिहास रच दिया. अब इसरो साल 2020 में सन मिशन यानी सूर्य मिशन लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. एक साल के भीतर भारत आदित्य-L1 सोलर मिशन लॉन्च करेगा. आदित्य-एल1 सूर्य की बाहरी सतह ‘कोरोना’ के करीब जाएगा और वहां से जानकारी इकट्ठा कर भेजेगा. जिससे सूर्य के तापमान का अध्ययन किया जा सकेगा.
सूर्य का अध्ययन करने वाला आदित्य-L1 होगा पहला भारतीय मिशन-
इसरो के मुताबिक आदित्य-एल1 को पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लंग्राज बिंदु 1 (Lagrangian Point 1) यानी एल 1 के करीब स्थित हालो ऑर्बिट में भेजा जाएगा. इस जगह से आदित्य एल-1 सूर्य को बिना किसी रूकावट के करीब से देखा जा सकेगा. कोई भी आदित्य-L1 को श्रीहरिकोटा से PSLV-XL रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा. आदित्य एल-1 में 6 पेलोड लगे होंगे जो सूर्य की बाहरी सतह कोरोना का अध्ययन करेंगे.
सूर्य की बाहरी सतह कोरोना हजारों किलोमीटर में फैली है. कोरोना का तापमान लाखों डिग्री में होता है. कोरोना का तापमान इतना ज्यादा क्यों है वैज्ञानिकों के लिए यह अभी भी रहस्य है और आदित्य एल-1 के जरिए भारतीय वैज्ञानिकों को इसका अध्ययन करने में मदद मिलेगी.
इसरो प्रमुख के. सिवान ने पिछले महीने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया था कि आदित्य एल-1 सोलर मिशन के जरिए सूर्य के तापमान और जलवायु परिवर्तन के बारे में जानकारी मिलेगी. आदित्य एल-1 को साल 2020 के शुरुआती महीनों में लॉन्च किया जाएगा.