वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक और क्रायोजेनिक इंजन विशेषज्ञ वी. नारायण को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। बता दें वी. नारायण का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने तमिलनाडु के तमिल माध्यम स्कूलों से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की है।
नई दिल्ली: वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक और क्रायोजेनिक इंजन विशेषज्ञ वी. नारायण को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। वह 14 जनवरी 2024 को एस. सोमनाथ की जगह पदभार ग्रहण करेंगे। बता दें वर्तमान में वी. नारायण इसरो के लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम सेंटर (एलपीएससी) महेंद्रगिरि के निदेशक हैं।
कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने मंगलवार को देर शाम एक अधिसूचना जारी कर वी. नारायण की नियुक्ति की घोषणा की। उन्हें इसरो का अध्यक्ष और अंतरिक्ष आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति 14 जनवरी 2024 से अगले आदेश या दो वर्षों तक प्रभावी होगी।
वी. नारायण का सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने तमिलनाडु के तमिल माध्यम स्कूलों से अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने आईआईटी खड़गपुर से क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एमटेक किया और प्रथम स्थान हासिल कर सिल्वर मेडल प्राप्त किया। इसके साथ ही उन्होंने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी भी की। वहीं 1984 में इसरो से जुड़ने के बाद नारायण ने विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दीं। 2018 में उन्हें एलपीएससी के निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया। उनकी विशेषज्ञता रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रोपल्शन तकनीक में है। बता दें उन्होंने इसरो के क्रायोजेनिक इंजन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एस. सोमनाथ ने 14 जनवरी 2022 को इसरो के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। वह इसरो के 11वें अध्यक्ष है। वहीं उनके नेतृत्व में इसरो ने चंद्रयान-3 और जीएसएलवी जैसे बड़े मिशनों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। वह लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम के निदेशक भी रह चुके हैं। हालांकि अब सोमनाथ का कार्यकाल 14 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है। इसरो के नए प्रमुख के रूप में वी. नारायण से संगठन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद है।
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