ISRO Chandrayaan 2 Vikram Lander: भारत के मून मिशन चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बाद इसरो समेत करोड़ों भारतीयों की उम्मीदें अभी बरकरार हैं. सूत्रों के मुताबिक विक्रम लैंडर की चांद पर क्रैश लैंडिंग की आशंका जताई जा रही है. इसरो के वैज्ञानिक आंकड़ों का विश्लेषण करने में जुटे हैं. साथ ही चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर के जरिए भी विक्रम लैंडर का पता लगाने की कवायद जा रही है.
नई दिल्ली. भारत के मून मिशन चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का संपर्क इसरो से शुक्रवार आधी रात को टूट गया. इसरो ने जानकारी दी कि चंद्रमा की सतह पर लैंड करने से 2.1 किलोमीटर पहले ही उनका विक्रम से संपर्क टूट गया. अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने कहा कि वे आंकड़ों का अध्ययन कर रहे हैं और चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इस घटना को कई घंटे बीत जाने के बाद अभी तक भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तरफ से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. लेकिन बताया जा रहा है कि चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा पर क्रैश लैंडिंग की है. साथ ही उम्मीद है कि विक्रम लैंडर से फिर से संपर्क हो सकेगा और वह फिर से काम करेगा.
आज तक की खबर के मुताबिक चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से विक्रम लैंडर की तस्वीर लेने की कोशिश की जा रही है. इसरो के वैज्ञानिक चंद्रमा पर विक्रम लैंडर का पता लगाने में जुटे हैं. चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर से मदद ली जा रही है. ऑर्बिटर वर्तमान में चंद्रमा की पांचवीं कक्षा में मौजूद है. उसमें चांद की सतह पर लगभग 0.3 मीटर की ऊंचाई वाली किसी भी चीज की तस्वीर लेने की क्षमता है. उसमें हाई रेजोल्यूशन कैमरे लगे हैं. इससे कयास लगाए जा रहे हैं चंद्रयान 2 का ऑर्बिटर विक्रम लैंडर की तस्वीर ले सकता है.
इसरो वैज्ञानिकों के मुताबिक चांद पर लैंड करते वक्त विक्रम लैंडर 2.1 किलोमीटर दूर अपने तय रास्ते से भटक गया. उसी दौरान इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया. वैज्ञानिकों का कहना है कि वह 60 मीटर प्रति सैकंड की गति से नीचे आ रहा था, इसकी गति धीरे-धीरे कम होनी थी और फिर चंद्रमा पर लैंडिंग होनी थी. सूत्रों के मुताबिक संपर्क टूटने के बाद विक्रम लैंडर पहले जिस गति से नीचे आ रहा था उसी गति से चंद्रमा की सतह पर उतरा. इससे चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर की क्रैश लैंडिंग की आशंका जताई जा रही है.
फिलहाल इसरो वैज्ञानिक आंकड़ों का विश्लेषण कर रहा है. डेटा एनालिसिस के बाद ही पता चलेगा कि विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के पीछे क्या कारण थे. साथ ही विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर अपना काम करेंगे या नहीं यह भी उसके बाद ही साफ हो पाया है. फिलहाल इसरो समेत सभी भारतीयों को उम्मीद है कि जल्द से जल्द चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित हो सके और भारत का मून मिशन सफल हो सके.