Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • ISRO Launches PSLVC 44: इसरो के PSLVC 44 से अंतरिक्ष में भेजी गई दो सैटेलाइट, कलामसैट और माइक्रोसैट-आर में जानें क्या है खास

ISRO Launches PSLVC 44: इसरो के PSLVC 44 से अंतरिक्ष में भेजी गई दो सैटेलाइट, कलामसैट और माइक्रोसैट-आर में जानें क्या है खास

ISRO Launches PSLVC 44: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र, इसरो ने गुरुवार को देर रात सफतलापूर्वक एक नया पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीकल अंतरिक्ष में भेज दिया है. इसके साथ दो नई सैटेलाइट- कलामसैट और माइक्रोसैट आर भी भेजी गई हैं. इसरो के पोलर सैटलाइट लॉन्च वीकल के जरिए अंतरिक्ष में दोनों सैटेलाइट को स्थापित कर दिया गया है.

Advertisement
ISRO Launches PSLVC 44
  • January 25, 2019 6:56 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

श्रीहरिकोटा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र ने गुरुवार देर रात PSLVC 44 लॉन्च किया. इसे सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा गया. इसरो का ये पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीकल दो सैटलाइट लेकर उड़ा. इसके जरिए अंतरिक्ष में कलामसैट और माइक्रोसैट-आर सैटेलाइट भेजी गईं. इसरो ने इस लॉन्च के सफल होने की जानकारी दी और बता कि दोनों ही सैटेलाइट को निर्धारित ऑर्बिट में सफलता पूर्वक स्थापित कर दिया गया है. बता दें कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से गुरुवार रात लगभग 11.37 बजे पोलर सैटलाइट लॉन्च वीकल सी-44 लॉन्च किया गया जिसमें कलामसैट और माइक्रोसैट-आर सैटलाइट भेजी गई. उड़ान के कुछ देर बात माइक्रोसैट-आर ऑर्बिट में स्थापित कर दी गई. इसकी एक फोटो इसरो ने सोशल मीडिया पर शेयर भी की. साथ ही इस मिशन के सफल होने पर इसरो प्रमुख के सिवन ने अपनी टीम को बधाई दी और पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सभी को बधाई दी.

  1. गुरुवार को इसरो ने सफतलापूर्वक PSLVC 44 लॉन्च किया और साथ ही माइक्रोसैट को भी उसकी ऑर्बिट में स्थापित कर दिया. इसपर इसरो प्रमुख के सीवन ने बधाई देते हुए कहा, ‘इसरो देश के सभी छात्रों के लिए खुला है. आप अपनी बनाई सैटेलाइट्स को हमारे पास लाएं और हम इसे आप के लिए लॉन्च करेंगे. भारत को एक साइंस-फेयरिंग देश बनाते हैं.
  2. PSLVC 44 में दो सैटेलाइट भजी गई हैं. एक है माइक्रोसैट और एक है कलामसैट. इनमें से कलामसैट का नाम पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है. कहा जा रहा है कि यह सैटलाइट दुनिया भर में इसरो का सबसे छोटा सैटलाइट है. बता दें कि कलामसैट एक कम्यूनिकेशन सैटलाइट है. खास बात ये है कि इसे केवल 12 लाख रुपये में तैयार किया गया है.
  3. कलामसैट सैटलाइट को तमिलनाडु के 10वीं कक्षा के छात्रों ने मिलकर बनाया है. इसे PSLVC 44 में भेजने के लिए 28 घंटे का काउंटडाउन किया गया जो गुरुवार रात 11.37 बजे खत्म हुआ. PSLVC 44 भेजना 2019 में इसरो का पहला सफल मिशन है. वहीं 2018 में इसरो कई सैटेलाइट लॉन्च वीकल की मदद से अंतरिक्ष में स्थापित कर चुका है.
  4. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मिशन की सफलता के लिए सभी को बधाई दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘PSLV के सफलतापूर्वक लॉन्च पर हमारे वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं. इस लॉन्च से ऑर्बिट में कलामसैट को स्थापित कर दिया गया है जिसे भारत के होनहार छात्रों ने बनाया है. इसी के साथ भारत चौथ स्टेज के अंतरिक्ष विमान इस्तेमाल करने वाला पहला  देश बन गया है.’

Delhi Metro On Republic Day: 26 जनवरी को सुबह 6 बजे से 12 तक बंद रहेंगे दिल्ली के ये मेट्रो स्टेशन

Telangana Congress Poster Controversy: तेलंगाना कांग्रेस ने पोस्टर में KCR, ओवैसी को कौरव और लोकतंत्र को द्रौपदी बताया, AIMIM चीफ बोले- हद में रहे कांग्रेस

Tags

Advertisement