इसरो द्वारा लॉन्च किए गए जीसैट-6ए संचार सैटेलाइट का अचानक ही संगठन से संपर्क टूट गया. इसरो ने एक बयान में कहा, "प्रक्षेपण के काफी समय बाद उपग्रह रविवार को जब भू-स्थैतिक कक्षा में प्रवेश के अंतिम दौर में था, तभी उससे संपर्क टूट गया."
नई दिल्ली. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किए गए GSAT-6A संचार सैटेलाइट का अचानक ही संगठन से संपर्क टूट गया. बता दें कि जीसैट-6ए को 29 मार्च को जियोसिन्क्रोनस उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के जरिए छोड़ा गया था. इसको लेकर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक बयान में कहा, “प्रक्षेपण के काफी समय बाद उपग्रह रविवार को जब भू-स्थैतिक कक्षा में प्रवेश के अंतिम दौर में था, तभी उससे संपर्क टूट गया.” बेंगलुरू से करीब 180 किलोमीटर दूर कर्नाटक के हासन में अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख नियंत्रण केंद्र (एमसीएफ) के कुशल संचालन में उपग्रह के कक्षा में प्रवेश कराने का इरादा था. बयान में कहा गया है, “उपग्रह के साथ संपर्क स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं.”
3119 वॉट पावर देने वाले इस सैटेलाइट को इसरो ने बनाया है. लॉन्च के समय बताया गया कि इस सैटेलाइट से सेनाओं को दी जाने वाली कम्युनिकेशन सर्विसेज में सुधार होगा. वहीं इसके जरिए भारत को नेटवर्क मैनेजमेंट तकनीक में मदद मिलेगी. इसका सैटेलाइट का साइज 1.53X1.56X2.4 और वजन 2,140 किलोग्राम है. इस सैटेलाइट को अपनी कक्षा में पहुंचने में 17 मिनट लगे.
इस सैटेलाइट में एस-बैंड कम्युनिकेशन लिंक के लिए 6 मीटर व्यास का एक एंटीना भी लगाया गया था जो कि बाकी किसी भी एंटीना से तीन गुना अधिक बड़ा है. एस-बैंड को मोबाइल की 4-जी सर्विस के लिए प्रयोग किया जाता है. इसे शिप रडार, मौसम की जानकारी देने वाले रडार और कम्युनिकेशन सैटेलाइट में इस्तेमाल किया जाता है.
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