नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार यानी 12 अक्टूबर को कहा कि वह गाजा में स्थित अल शिफा अस्पताल में अपने अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। जानकारी दे दें कि उत्तरी गाजा के अल शिफा अस्पताल पर हाल ही में हमला हुआ था, जिसमें 22 लोगों की मृत्यु हुई थी। अस्पताल […]
नई दिल्लीः विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रविवार यानी 12 अक्टूबर को कहा कि वह गाजा में स्थित अल शिफा अस्पताल में अपने अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। जानकारी दे दें कि उत्तरी गाजा के अल शिफा अस्पताल पर हाल ही में हमला हुआ था, जिसमें 22 लोगों की मृत्यु हुई थी। अस्पताल पर हमले को लेकर इजरायल की खूब आलोचना हुई थी लेकिन इजरायल ने इससे मना किया था और दावा किया था कि आतंकियों के असफल मिसाइल लॉन्च के कारण अस्पताल पर हमला हुआ था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गाजा के हालात पर नराजगी जाहिर की और तुरंत युद्धविराम करने की दरख्वास्त की है। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि हमले के बाद से अल शिफा अस्पताल में काम नहीं हो पा रहा है। डब्लूएचओ ने इस पर चिंता जाहिर की और अस्पताल पर हमले की कड़ी शब्दों में निंदा की। डब्लूएचओ ने कहा कि यह बेहद नराशाजनक है कि स्वास्थ्य कर्मी, सैंकड़ों बीमार लोग और घायल मरीज, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, वह अस्पताल में मौजूद हैं। हमले के बाद अल शिफा अस्पताल में अंधेरा छाया हुआ है।
वहीं इजरायली सेना ने सीरिया और लेबनान में एयर स्ट्राइक की है। इजरायल की सेना ने लेबनान में हिज्बुल्ला के कई ठिकानों पर प्रहार किए। वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा गाजा पट्टी में युद्ध विराम की अपील को इजरायली सरकार ने खारिज कर दिया है। पीएम नेतन्याहू पहले ही कह चुके हैं कि हमास और आईएसआईएस की निंदा की जानी चाहिए ना कि इजरायल की। इजरायल के रक्षा मंत्री ने युद्ध के बीच में फ्रांस राष्ट्रपति की आलोचना पर आपत्ती जताई है। हालांकि फ्रांस की सरकार ने कहा कि वह अपने बात पर कायम हैं और गाजा में युद्धविराम के पक्ष में हैं।