नई दिल्लीः इजरायल और हमास के बीच युद्ध एक महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी है। इजरायल लगातार गाजा पट्टी पर बम बरसा रहा है। हालांकि इजरायल को दुनियाभर के नेताओं ने सीजफायर की अपील की है लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि हमास के खात्मे तक नहीं रुकेंगे। इसी बीच गाजा पट्टी […]
नई दिल्लीः इजरायल और हमास के बीच युद्ध एक महीने से भी ज्यादा वक्त से जारी है। इजरायल लगातार गाजा पट्टी पर बम बरसा रहा है। हालांकि इजरायल को दुनियाभर के नेताओं ने सीजफायर की अपील की है लेकिन उन्होंने साफ कर दिया है कि हमास के खात्मे तक नहीं रुकेंगे। इसी बीच गाजा पट्टी के बड़े अस्पताल अल शिफा के प्रमुख मोहम्मद अबू सल्मियाह ने मंगलवार यानी 14 अक्टूबर को कहा कि बच्चों सहित करीब 179 लोगों को परिसर के अंदर एक सामूहिक कब्र में दफनाया गया है। इस घटना ने दर्शाया है कि वहां युद्ध के साथ – साथ चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया है। बता दें कि अस्पताल में ईधन खत्म होने के बाद आईसीयू में भर्ती बच्चों और मरीजों को दफनाया गया।
इससे पहले आज उसी अस्पताल से दिल को झकझोर देने वाली एक तस्वीर सामने आई थी। जब अस्पताल के ही हरे कपड़ों में सात शिशुओं को एक साथ रखा गया था और उनके शरीर से ट्यूब लगी हुई थी। ये सातों बच्चों प्री मैच्योर है, जिनका वजन 1.5 किलोग्राम से कम है। इन बच्चों को इनक्यूबेटरों में होना चाहिए ताकी शरीर का तापमान को नियंत्रित किया जा सके लेकिन इसके बजाय उन्हें सामान्य बिस्तरों पर रखा गया है। उन्हें इसलिए बिस्तर पर रखा गया है क्योंकि इनक्यूबेटरों को चलाने के लिए ईंधन नहीं है।
गौरतलब है कि शहर के सबसे बड़े अस्पताल ईंधन की कमी से जूझ रहा है और मौतों के घेरे में फंसा है क्योंकि हमास और इजरायली सेना ने इनके दरवाजे पर ही खूनी युद्ध छेड़ रखा है। टैंकों द्वारा सामान और ईंधन की सप्लाई को रोक कर रखा गया है। वहीं चिकित्सा कर्मचारी अस्पताल के भीतर इस भीषण आपदा को आम लोगों के साथ झेल रहे हैं।