Isreal: गाजा में जारी युद्ध के बीच चीन ने नक्शे से हटाया इजरायल का नाम, नहीं बताई वजह

नई दिल्लीः गाजा पट्टी में इजरायल के हमले तेज हो रहे हैं और इस बीच खबर आई है कि चीन ने अपने ऑनलाइन नक्शे से इजरायल का नाम ही हटा दिया है। ऐसा दावा मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कंपनियों बाइडु और अलीबाब के ऑनलाइन नक्शों से इजरायल का […]

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Isreal: गाजा में जारी युद्ध के बीच चीन ने नक्शे से हटाया इजरायल का नाम, नहीं बताई वजह

Sachin Kumar

  • October 31, 2023 5:23 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्लीः गाजा पट्टी में इजरायल के हमले तेज हो रहे हैं और इस बीच खबर आई है कि चीन ने अपने ऑनलाइन नक्शे से इजरायल का नाम ही हटा दिया है। ऐसा दावा मीडिया रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन की कंपनियों बाइडु और अलीबाब के ऑनलाइन नक्शों से इजरायल का नाम गायब है। बाइडु के नक्शे में इजरायल और फलस्तीन की सीमाओं को दिखाया गया है लेकिन नक्शे से दोनों का नाम गायब है।

चीन के नक्शे पर उठे सवाल

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी भाषा वाले इन नक्शों में लक्जमबर्ग जैसे छोटे देश का नाम है लेकिन इजरायल जैसे अहम देश का नाम ना होना, इस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। अलीबाबा या बाइडु दोनों ही कंपनियों ने अभी तक इस मामले पर सफाई नहीं दी है। बता दें कि इजरायल हमास के युद्ध में चीन की सरकार ने जो बयान जारी किया था, उसमें हमास के हमले की निंदा नहीं की गई थी साथ ही फिलिस्तीन का समर्थन किया गया था। इसे लेकर चीन को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। बाद में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इजरायली समकक्ष एली कोहेने के साथ हुई बातचीत में माना कि इजरायल को अपनी सुरक्षा करने का पूरा अधिकार है। साथ ही चीन ने सीजफायर करने की मांग की थी।

चीन ने अबतक नहीं दी सफाई

चीन के नागरिक भी दोनों कंपनियों के इस कदम से हैरान हैं। हालांकि यह साफ नहीं है कि चीन के नक्शों से इजरायल का नाम पहले से ही गायब था या फिर 7 अक्टूबर के बाद शुरू हुए युद्ध के बाद हटाया गया है। बता दें कि चीन की सरकार अक्सर अपने देश के नक्शों को लेकर काफी हंगामा करती है। यहां तक की विभिन्न होटल वेबसाइट्स द्वारा अगर चीन के नक्शे में दक्षिण चीन सागर को भी विवादित दिखाया जाता है तो उस पर चीन की सरकार कड़ी आपत्ति दर्ज कराती है। वहीं चीन के नक्शे में एक पूरे देश इजरायल को ही गायब कर दिया गया है लेकिन अभी तक चीन की सरकार ने इस पर कोई सफाई पेश नहीं की है।

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