नई दिल्ली। बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर से इजरायल के प्रधानमंत्री पद पर आ गए है ।बता दें , गुरुवार को उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी । सबसे लंबे वक्त तक अपने देश का पीएम रहने वाले नेतन्याहू को 120 सदस्यीय नेसेट (संसद) में 63 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ है ।सूत्रों […]
नई दिल्ली। बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर से इजरायल के प्रधानमंत्री पद पर आ गए है ।बता दें , गुरुवार को उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी । सबसे लंबे वक्त तक अपने देश का पीएम रहने वाले नेतन्याहू को 120 सदस्यीय नेसेट (संसद) में 63 सांसदों का समर्थन हासिल हुआ है ।सूत्रों के मुताबिक, 54 सांसदों ने उनकी सरकार के खिलाफ मतदान किया था । लेकिन फिर भी 73 वर्षीय नेतन्याहू ने छठी बार दोबारा प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री बनने पर नेतन्याहू को बधाई भी दी है। मोदी ने ट्वीट कर लिखा , नेतन्याहू को नई सरकार बनाने पर हार्दिक बधाई हो ।
बता दें , नेतन्याहू ने कहा कि वो अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए काम करने को लेकर उत्सुक हूं। मिली जानकारी के मुताबिक , शपथ ग्रहण से पहले संसद को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने बताया कि उनकी सरकार के तीन ‘राष्ट्रीय लक्ष्य’ हैं -ईरान को परमाणु आयुधों की ओर बढ़ने से रोकना है , पूरे देश में बुलेट ट्रेन को चलाना और अब्राहम समझौतों के दायरे में और अधिक अरब देशों को लाना है । नेतन्याहू धुर दक्षिणपंथी सहयोगियों के साथ गठबंधन बनाकर सत्ता में वापस लौटे हैं। उनकी सरकार को अब तक की सबसे दक्षिणपंथी सरकार भी कहा जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार , राजनीतिक गलियारों में इस बात की बहुत चर्चा हो रही है कि नई सरकार को घरेलू आबादी के बड़े हिस्से और विदेश में निकटतम सहयोगियों की असहमति का सामना करना पड़ेगा । इस सरकार को जितने भी समर्थन देने वाले सभी सांसद दक्षिणपंथी विचारधारा वाले हैं। बता दें , इजराइल की 37वीं सरकार द्वारा विश्वासमत प्राप्त करने से महज कुछ वक्त पहले नेसेट ने लिकुड पार्टी के सांसद अमीर ओहाना को यहां का नया अध्यक्ष चुना है । सूत्रों के अनुसार ,नेतन्याहू को समर्थन देने वाली पार्टियों में धुर कट्टरपंथी शास द्वारा समर्थित उनकी लिकुड पार्टी, यूनाइटेड तोरा जुदैज्म, दक्षिणपंथी ओत्ज्मा येहुदित, रिलिजियस जियोनिस्ट पार्टी और नोआम भी शामिल हैं।
Ramiz Raja: पूर्व पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा का बड़ा बयान- ‘भारत से बर्दाश्त नहीं हुआ….’
IND vs SL: भारत में पहली बार खेलेगा ये खिलाड़ी, डर में है पूरी श्रीलंकाई टीम