नई दिल्लीः ईरान के इजरायल पर हमले के बाद जंग के हालात पैदा हो गए हैं। बीती रात ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागी। इस हमले का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। आपको बता दें कच्चे तेल की कीमतों में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। युद्ध की खबरों के बीच मंगलवार को […]
नई दिल्लीः ईरान के इजरायल पर हमले के बाद जंग के हालात पैदा हो गए हैं। बीती रात ईरान ने इजरायल पर मिसाइलें दागी। इस हमले का असर पूरी दुनिया पर पड़ रहा है। आपको बता दें कच्चे तेल की कीमतों में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। युद्ध की खबरों के बीच मंगलवार को कच्चे तेल की कीमतों में भी उछाल आया, ब्रेंट वायदा 3.5% बढ़कर 74.2 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इतना ही नहीं, यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 2.54 डॉलर से बढ़कर 70.7 डॉलर पर पहुंच गया।
अगर यह जंग यूं ही जारी रहेगी तो कच्चे तेल के साथ कई चीजों के दाम बढ़ेंगे। वहीं इस वैश्विक टेंशन का असर शेयर बाजार पर भी देखने को मिलेगा। निफ्टी और डॉव फ्यूचर्स समेत कुछ देशों के बाजार लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। शेयर बाजार में तेल विशेष शेयरों पर जोरदार असर पड़ सकता है।
कच्चे तेल के दामों में तेजी के साथ ही ONGC और Oil India जैसी तेल खोज कंपनियों के शेयरों में तेजी आने की संभावना है। वहीं, पेंट और टायर शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है क्योंकि ये कंपनियां कच्चे तेल पर निर्भर हैं। ऐसे में अगर कच्चा तेल महंगा होता है तो इन कंपनियों की इनपुट कॉस्ट बढ़ सकती है।
दुनिया भर में कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव से वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। वहीं, युद्ध से वैश्विक आपूर्ति की रेगुलर चेन भी टूट जाती है। ऐसे में आयात-निर्यात गतिविधियां प्रभावित होती हैं और महंगाई बढ़ने लगती है। रूस और यूक्रेन युद्ध के दौरान भी यही हुआ था। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बुरी तरह प्रभावित हुई, इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमतों में भी भारी उछाल आया।
युद्ध और राजनीतिक तनाव बढ़ने से सोने की कीमत में तेजी देखने को मिल रही है। ऐसे में ईरान के इजरायल पर हमले के बाद सोने में खरीदारी देखने को मिल सकती है। दरअसल, युद्ध जैसे हालात में सोने में निवेश सुरक्षित माना जाता है।
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