भोपाल: Bhopal Islamnagar History : यूपी योगी सरकार द्वारा शहरों के नाम बदलने के बाद, अब नाम बदलने की ये प्रक्रिया मध्य प्रदेश में शुरू हो गई है। हाल ही में, मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल के पास स्थित इस्लामनगर का नाम बदल कर जगदीशपुर रख दिया है। इस मामले में सरकार ने आदेश […]
भोपाल: Bhopal Islamnagar History : यूपी योगी सरकार द्वारा शहरों के नाम बदलने के बाद, अब नाम बदलने की ये प्रक्रिया मध्य प्रदेश में शुरू हो गई है। हाल ही में, मध्य प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल के पास स्थित इस्लामनगर का नाम बदल कर जगदीशपुर रख दिया है। इस मामले में सरकार ने आदेश भी जारी किए हैं। यह भोपाल के पास बना हुआ है। लिहाजा यह भोपाल राजघराने का हिस्सा भी रहा है। इतिहास में यह अपनी शानो शौकत के लिए काफी मशहूर रहा है।
यह बात सच है कि इस्लामनगर को नया नाम जगदीशपुर मिला हो, लेकिन इस गाँव की कहानी एक खूनी कहानी है। इस शहर को लगभग 308 वर्षों तक इस्लामनगर के रूप में जाना गया है। हाल के वर्षों में, इस्लामनगर के नाम को बदलने के तमाम प्रयास किए गए हैं। साल 2022 में, भोपाल लोकसभा के डिप्टी, प्रज्ञा ठाकुर ने यह आवाज उठाई और अब जाकर इस्लामनगर जगदीशपुर बन गया है।
यदि इतिहास की कहानी के पन्नों को पलटा जाए, तो पता चलता है कि इस्लामनगर को पहले जगदीशपुर के नाम से ही जाना जाता था। इस्लामनगर यानी कि जगदीशपुर की स्थापना राजपूत के सरदारों ने की थी। जगदीशपुर उस समय भोपाल के राजसी राज्य में आता था। बताया जाता है कि दोस्त मोहम्मद खान औरेंग्जेबथा। जब औरंगजेब की मृत्यु हो गई, तो वह भोपाल से भाग गया। यह वाकया सन 1715 का है। जब हिंदू राजा देवरा चौहान ने यहाँ शासन किया। देवरा चौहान बहुत प्रसिद्ध थे। जब भोपाल के नवाब दोस्त मोहम्मद खान को उनके बारे में पता चला तो राजा देवरा के खिलाफ एक साजिश की योजना बनाई।
बताया जाता है कि दोस्त मोहम्मद खान ने एक दिन नदी के किनारे राजा को निमंत्रण भेजा। राजा देवरा चौहान भोज में पहुँचे । लेकिन उसने धोखे से वहाँ पर हमला कर गया। इसके बाद जगदीशपुर का नाम इस्लामनगर में बदल दिया गया। इसके बाद, 1723 में, उनके दोस्त मोहम्मद खान ने इस्लामगनर के किले को निज़ाम-उल-मुल्क को दिया।
इस्लामनगर के शाही महलों और किले की दरो दीवार को देखने के लिए देश विदेश से बहुत से पर्यटक आते हैं। बताया जाता है कि कोविड से पहले यहाँ रोजाना करीब 100 पर्यटक आते थे। कोविड के बाद स्थिति सामान्य होने के बाद यहाँ फिर से पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। भारत के पुरातत्व विभाग ने यहाँ पर्यटकों के लिए इंतज़ाम की है। बकायदा टिकट के साथ यहाँ पर प्रवेश होता है।