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बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन में आरक्षण खत्म करने करने की तैयारी में नीतीश सरकार !

बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ने परीक्षा में संसोधन संबंधी एक तीन सदस्यीय पैनल गठित किया है. इस पैनल ने लोगों से सुझाव मांगे हैं कि क्या आरक्षित और अनारक्षित वर्ग के छात्रों की अलग परीक्षा कराई जाए. इस सुझाव से सीधे तौर पर आरक्षित वर्ग को नुकसान होगा क्योंकि अभी तक जो प्रावधान है उसमें 49.5 प्रतिशत सीटें आरक्षित वर्ग के लिए होती हैं. साथ ही अगर आरक्षित वर्ग का छात्र मेरिट में आता है तो उसे जनरल कैटेगरी का लाभ मिलता है. लेकिन अगर अलग-अलग एग्जाम कराए गए तो सीधे तौर पर 50 प्रतिशत अनारक्षित वर्ग यानि जनरल कैटेगरी के लिए रिजर्व हो जाएगा.

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BPSC में आरक्षण
  • March 19, 2018 8:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मनसूबे आरक्षण को लेकर ठीक नजर नहीं आ रहे. बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) की वेबसाइट पर लोगों से परीक्षा कराने के बारे में पूछे गए सवाल को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ने BPSC द्वारा कराई जाने वाली प्रतियोगी परीक्षा को लेकर एक तीन सदस्यीय समिति गठित की है. इस समिति ने बीपीएससी लोगों से आरक्षित और अनारक्षित वर्ग की अलग-अलग परीक्षा कराने के बारे में सुझाव मांगे हैं.

बीपीएससी द्वारा गठित की गई इस तीन सदस्यीय समिति को प्रोफेसर रामकिशोर सिंह हैड कर रहे हैं. उनके अलावा पैनल में बीपीएससी के सदस्य शक्ति सामंत और बीपीएससी के डिप्टी सेक्रेट्री गनसुद्दीन अंसारी हैं. इस तीन सदस्यीय समिति ने बीपीएससी की वेबसाइट पर कुछ सवालों पर लोगों से उनका ओपिनियन मांगा है. इसमें सामान्य और रिजर्व कैटेगरी के छात्रों के लिए अलग एग्जाम आयोजित कराने के बारे में भी पूछा गया है. इस सवाल से साफ जाहिर हो रहा है कि 50 प्रतिशत आरक्षण सीधे तौर पर अनारक्षित वर्ग के लिए रिजर्व हो जाएगा.

वेबसाइट पर पूछे गए इस सवाल के संदर्भ में नेशनल हेराल्ड ने इस समिति के सदस्य शक्ति सामंत से संपर्क किया जो कि खुद ओबीसी बैकग्राउंड से आते हैं और सेंट्रल पब्लिक सर्विस कमीशन की तैयारी कराने वाले दिल्ली बेस्ड ट्यूटोरियल सेंटर में भी पढ़ाते रहे हैं. नेशनल हेराल्ड ने उनसे इसके बारे में पूछा कि आरक्षित और अनारक्षित वर्ग की अलग परीक्षा कराने से तो सीधे तौर पर 50 प्रतिशत आरक्षण जनरल वर्ग के लिए आरक्षित हो जाएगा. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि आरक्षित वर्ग के छात्र चाहें तो दोनों वर्गों में परीक्षा दे सकते हैं. लेकिन जब उनसे दोनों कैटेगरी में एग्जाम देने वाले छात्रों पर डबल प्रेशर पड़ने का सवाल किया गया तो वे इसका संतुष्टिजनक जवाब नहीं दे पाए.

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