नई दिल्ली। विज्ञान हो या शास्त्र, सूर्य और चंद्रमा की महत्ता को स्वीकार करता है और ग्रहण को भी. चंद्रगहण का सीधा असर पृथ्वी पर दिखता है. क्या आप जानते हैं कि ग्रहण का असर पृथ्वी के उपरी सतह पर ही नहीं होता बल्कि आंतरिक सतह पर भी होता है.ग्रहण और भूकंप के आंकड़े बताते […]
नई दिल्ली। विज्ञान हो या शास्त्र, सूर्य और चंद्रमा की महत्ता को स्वीकार करता है और ग्रहण को भी. चंद्रगहण का सीधा असर पृथ्वी पर दिखता है. क्या आप जानते हैं कि ग्रहण का असर पृथ्वी के उपरी सतह पर ही नहीं होता बल्कि आंतरिक सतह पर भी होता है.ग्रहण और भूकंप के आंकड़े बताते हैं कि ग्रहण के बाद पृथ्वी पर भूकंप आया. आइए जानते हैं कि क्या सच में ही भूकंप का सम्बन्ध ग्रहण से हैं।
क्या कहता है शास्त्र
शास्त्रों में चांद के आकाश मंडल का अलग ही महत्व है, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहण की एक अलग गणना है. इसके बारे में शास्त्र का कहना है कि ग्रहण का असर हमारी राशियों पर भी पड़ता है. ये प्रभाव ग्रहण के तीन महीने पहले से लेकर तीन महीने बाद तक रहता है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रहण हमें नकारात्मक ऊर्जा देते हैं. इससे बचाव के लिए हमें न तो सोना चाहिए और न ही यात्रा करनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि चंद्रगहण और सूर्य ग्रहण अपना नकरात्मक प्रभाव छोड़ते हैं, जिससे कोई ना कोई परेशानी आ सकती है.
अब देखना यह है कि इस साल 14 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण और 28 अक्टूबर को चंद्रगहण है तो क्या नकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं.
ग्रहण के समय आए भूकंप के आंकड़े
साल 2023 में 5 मई को चंद्र ग्रहण लगा था उसी के साथ 4 मई को जापान में भूकंप आया था, यही नहीं 8 नवंबर 2022 को चंद्र ग्रहण लगा था फिर 9 नवंबर को नेपाल में भूकंप आया था. ऐसा ही 5 जून 2022 को चंद्रग्रहण के बाद 15 जून को गुजरात में भूकंप आया.
12 दिसंबर 2022 को एक और चंद्र ग्रहण के बाद जापान में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया. 17 जुलाई 2019 को चंद्र ग्रहण लगा और 24 जुलाई को महाराष्ट्र में भूकंप आया. इसके बाद जनवरी 2018 को चंद्र ग्रहण के बाद भारत पाकिस्तान में 6.1 तीव्रता का भूकंप देखा गया था.
9 जनवरी 2001 को चंद्र ग्रहण लगा और 26 जनवरी को भुज में भूकंप आया था. फिर 5 जून चंद्र ग्रहण के बाद 17 जुलाई को भूकंप के झटके महसूस किए गए। ये सिलसिला काफी लंबा है.