Iran Ready for War with US: ईरान के सशस्त्र बल ''रिवोल्यूशनरी गार्ड'' ने जानकारी दी है कि उन्होंने हर्मुज जलसंधि के पास अपने एक हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी सेना के ड्रोन को मार गिराया है. पहले से ही दोनों देशों में तनाव का माहौल है और ऐसे में यह घटना युद्ध के हालात बना सकती है. जिसका भारी असर तेल की कीमतों पर भी देखने को मिल सकता है.
नई दिल्ली. अमरिका और ईरान के बीच युद्ध जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं. दरअसल दोनों देशों के तनाव के बीच ईरान के सशस्त्र बल ”रिवोल्यूशनरी गार्ड” ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया है कि उन्होंने हर्मुज जलसंधि के पास अपने एक हवाई क्षेत्र में एक अमेरिकी सेना के ड्रोन को मार गिराया है. हालांकि, अमेरिका ने इस बात की कोई पुष्टि नहीं की है लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो ईरान की सेना ने अमेरिकी वायुसेना के MQ-4Cड्रोन को ईरानी सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया गया है. पहले से ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान से तेल आयात को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं, ऐसे में इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ने की आशंका है जिसका भारी असर तेल की कीमतों पर भी काफी पड़ सकता है.
दरअसल, जैसे ही ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन गिरने की खबर सामने आई, वैसे ही वैश्विक बाजार में तेल कच्चे चेल की कीमत तीन प्रतिशत से अधिक उछलते हुए 63 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई है. गुरुवार सुबह ब्रेंट क्रूड की कीमत सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर 1.40 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 63.22 डॉलर पहुंच गई, इससे पहले यह 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 63.88 डॉलर पर पहुंची थी. दूसरी ओर यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियट क्रूड 1.54 डॉलर बढ़कर प्रति बैरल 55.30 डॉलर पर पहुंच गया है.
"The downing of the American drone was a clear and precise message to America…"
Iran's revolutionary guards' commander-in-chief spoke on state TV after a US drone was shot down.https://t.co/7KTdh9ranD pic.twitter.com/UvqFFM42rA
— euronews (@euronews) June 20, 2019
दरअसल, अमेरिका और ईरान के बीच पिछले काफी दिनों से तनाव चल रहा था. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार के दौरान हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को बाहर कर दिया जिससे ईरान के ऊपर फिर से आर्थिक प्रतिबंध लागू हो गए. और दोनों देशों के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया. अगर दोनों देशों के बीच जंग के हालात बनते हैं या जंग होती है तो इसका असर विश्व के कई बड़े देशों पर पड़ेगा. ईरान कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है. अगर दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ता है तो तेल का पूरा कारोबार प्रभावित होगा. ईरान अपने इलाके से गुजरने वाले तेल जहाजों को भी रोक सकता है जिसके प्रभाव से दुनियाभर में कच्चे तेल की कमी हो जाएगी और तेल के दाम आसमान छूने लग जाएंगे.
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