International Media Coverage on SC Ayodhya Verdict: अमेरिका-यूरोप से लेकर अरब देशों तक चर्चा में रहा अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

Internationl Media Coverage on SC Ayodhya Verdict: दशकों पुराने अयोध्या रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने आज यानी 9 नवंबर 2019 ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ सर्वसम्मति से रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने साथ में यह भी आदेश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं और 5 एकड़ जमीन दी जाए. भारत के साथ-साथ वर्ल्ड मीडिया में सैकड़ों वर्ष पुराने इस विवादित मामले को लेकर उत्साह देखा गया है. अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयार्क टाइम्स, सऊदी अरब के खलीज टाइम्स, ब्रिटेन के द गार्डियन, चीन की समचार एजेंसी सिन्हुआ और अल जजीरा जैसे कई बड़े प्रमुख मीडिया संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर इस ऐतिहासिक फैसले पर विस्तृत कवरेज की है.

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International Media Coverage on SC Ayodhya Verdict: अमेरिका-यूरोप से लेकर अरब देशों तक चर्चा में रहा अयोध्या राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने दी ऐसी प्रतिक्रिया

Aanchal Pandey

  • November 9, 2019 6:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

International Media Coverage on SC Ayodhya Verdict: दशकों पुराने अयोध्या रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने आज यानी 9 नवंबर 2019 ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की संविधान पीठ सर्वसम्मति से रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने साथ में यह भी आदेश दिया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं और 5 एकड़ जमीन दी जाए. सुप्रीम कोर्ट के इस एतिहासिक फैसले को भारत के सभी पक्षों के लोग खुशी-खुशी स्वीकार कर रहे हैं. समाज के हर वर्ग ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है. भारत के साथ-साथ वर्ल्ड मीडिया में सैकड़ों वर्ष पुराने इस विवादित मामले को लेकर उत्साह देखा गया है. अमेरिका के वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयार्क टाइम्स, सऊदी अरब के खलीज टाइम्स, ब्रिटेन के द गार्जियन, चीन की समचार एजेंसी सिन्हुआ और अल जजीरा जैसे कई बड़े प्रमुख मीडिया संस्थानों ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या पर इस ऐतिहासिक फैसले पर अपना पक्ष रखा है.

अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने अयोध्या पर भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पर हेडलाइन दी है. भारतीय अदालत ने अयोध्या धार्मिक स्थान विवाद पर अपना फैसला हिंदुओं के पक्ष में सुनाया. वाशिंगटन पोस्ट में अयोध्या फैसले पर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के पैसले से हिंदुओं को उस जगह मंदिर बनाने की अनुमति मिली जहां पहले मस्जिद हुआ करती थी.

अमेरिका के एक और प्रतिष्ठित अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने अयोध्या फैसले पर हेडलाइन दी है. भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे विवादित धार्मिक स्थान हिंदू मंदिर का रास्ता साफ किया. साथ ही अखबार में इस फैसले के हवाले से लिखा गया है कि दशकों पुराने विवाद में यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी जीत है. अखबार ने कहा कि भगवान राम के लिए विवादित स्थल पर मंदिर बनाना लंबे समय से भाजपा का उद्देश्य था.

ब्रिटेन के प्रतिष्ठित अखबार द गार्जियन ने अयोध्या फैसले पर अपनी हेडलाइन दी है. भारत की सर्वोच्च अदालत ने मुस्लिमों के दावे वाली जमीन को हिंदुओं को दिया. साथ ही अखबार ने इसे पीएम मोदी और बीजेपी की बड़ी जीत बताया है. अखबार में लिखा गया है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना उनके राष्ट्रवादी एजेंडे का हिस्सा रहा है.

सऊदी अरब के प्रतिष्ठित अखबार खलीज टाइम्स ने अयोध्या फैसले पर लिखा है कि सप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर मंदिर निर्माण का आदेश दिया. मुस्लिमों को दी वैकल्पिक जगह.

संयुक्त अरब अमीरात की प्रतिष्ठित वेबसाइट गल्फ न्यूज ने अयोध्या फैसले पर कहा है कि 134 साल का विवाद 30 मिनट में सुलझा दिया गया. हिंदुओं को अयोध्या की जमीन मिलेगी. मुस्लिमों को मस्जिद के लिए वैकल्पिक जमीन दी जाएगी.

जर्मनी के प्रतिष्ठित अखबार डायचे वेले ने लिखा है कि भारत में अयोध्या मंदिर मस्जिद विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के पक्ष में फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा सदियों से विवादित स्थल पर मंदिर बनाए जाने का रास्ता साफ कर दिया है.

चीन की आधिकारिक समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर हेडलाइन लगाई है भारतीय सर्वोच्च अदालत ने विवादित जमीन हिंदुओं को दी.

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का निर्माण बनाए और तीन महीनों के भीतर मंदिर निर्माण को लेकर अपनी कार्ययोजना प्रस्तुत करें. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा को भी उचित स्थान देने का आदेश दिया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने विवादित जमीन पर निर्मोही अखाड़ा के दावे को खारिज कर दिया था. भारत सहित वैश्विक मीडिया ने भी अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले की प्रमुखता से कवरेज की है.

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